इस दुनिया को किसने बनाया?
इस सवाल को लेकर सभी लोगों के अपने अलग-अलग मत हैं.
किसी के अनुसार इस पूरी दुनिया की रचना भगवान्, गॉड या अल्लाह ने की हैं. वही विज्ञान के अनुसार संसार की रचना कुछ तत्वों के मिलने से हुई हैं. लेकिन विज्ञान के पास आज भी इस बात का जवाब नहीं हैं कि इस दुनिया की रचना के बाद इसमें रहने वाली मानव जाति कैसे आई? और अगर इंसानों से ही दुनिया आगे बढ़ती हैं तो इस दुनिया का पहला मनुष्य कौन था जिसने इस दुनिया में मानव जाति को आगे चलाया.
क्या है पहले प्राणी की कहानी ?
कई धर्मों में इस विषय को लेकर अपनी अपनी मान्यताएं हैं.
हिन्दू धर्म के अनुसार समस्त संसार की रचना भगवान ने की और रचना के बाद कई समय इस पुरे संसार ने कोई प्राणी नहीं था लेकिन भगवान् ब्रह्मा को जब यह संसार अधुरा लगा तब उन्होंने “मनु” नाम के पहले इंसान की रचना की. हिन्दू मान्यताओं से ही मिलती जुलती धारणा ईसाई धर्म की भी रही हैं. ईसाई धर्म के अनुसार इस दुनिया की रचना गॉड ने की और इंसानी प्रजाति के पहले मनुष्य के रूप में “एडम” इस धरती में आया.
हिन्दू मान्यता के अनुसार भगवान् ब्रह्मा ने जब मनु की उत्पत्ति की थी उसी वक़्त उन्होंने एक स्त्री की भी रचना की जिसे हम सभी “शतरूपा” के नाम से जानते हैं और मनु-शतरूपा ने समस्त मानवजाति को आगे बढ़ाया. संसार में आने वाले सबसे पहले इंसान का नाम ‘मनु’ था इसलिए सभी प्राणियों को ‘मानव’ या ‘मनुष्य’ जाति कहा जाने लगा और अंग्रेज़ी में इसे ‘मैन’ का नाम दिया गया.
एक पौराणिक कथा के अनुसार जब ब्रह्मा ने देवों, असुरों और पित्रों की रचना कर ली थी, उसके बाद वह बहुत शक्तिहीन हो गए थे. ब्रह्मा यह समझ नहीं पा रहे थे कि अब वह किसकी रचना करे जिससे उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होगी. इन्ही सब बातों को सोचतें हुए वह किसी कार्य में व्यस्त हो गए तभी अचानक उनके भीतर से एक काया निकल कर उनके समाने खड़ी हो गयी. जब ब्रह्मा जी उस काया को देखा तो अचंभित हो गए क्योकि वह काया हुबहू भगवान ब्रह्मा की तरह ही थी.
कहते हैं कि यही काया ही प्रथम मनुष्य था जिसे स्वयंभू मनु कहा गया.
बाइबिल में भी इंसान और गॉड से जुड़ी ऐसी ही कहानी मिलती हैं, बस उस कहानी में फ़र्क यह था कि काया की जगह उसमे परछाई थी.
हिन्दू धर्म में मनु के साथ दुनिया की पहली स्त्री शतरूपा थी वही ईसाई मान्यता में एडम के साथ पहली स्त्री “एम्बेला” थी.
दोनों धर्म की मान्यताओं में कई जगह अलगाव भी थे क्योकि हिन्दू पुराणों के अनुसार मनु एक मनुष्य नहीं बल्कि 10 पुरषों का एक समूह था जिसे दुनिया के कई हिस्सों में भेजा गया और उसने स्त्री जाति के साथ मिलकर दुनिया को आगे बढ़ाया.
मनुष्य की उत्पत्ति से जुड़ी यह सब बातें रोचक ज़रूर हैं लेकिन धर्म और पुराणों में कही गयी यह बातें मान्यताएं ही हैं.
लेकिन अलग अलग धर्म को मानने वाले लोग इन मान्यताओं को जिस तरह लेना चाहें यह उनके धर्म और उनकी सोच पर निर्भर करता हैं.
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