मज़ेदार

क्या कभी आपने सोचा कि की बोर्ड की बटन ABCD फॉर्म में क्यों नहीं होती ?

QWERTY की बोर्ड – आज भले ही आप कंप्यूटर पर काम करते हैं, लेकिन इससे जुड़ी कई जानकारी आप नहीं जानते होंगे.

आजकल डिजिटल होने का ज़माना है. नौकरी उन्हीं लोगों को मिल रही है जो फ़ास्ट टाइपिंग और सोशल मीडिया की जानकारी रखते हों. टाइपिंग से याद आया कि लैपटॉप या कंप्यूटर की की बोर्ड की बटन ऐसी क्यों होते हैं.

ऐसे का मतलब है कि एक साथ ABCD नहीं होकर अलग अलग क्यों होते हैं?

क्या कभी आपने ये सोचने की ज़हमत उठायी. जब आपको अंग्रेजी पढ़ाई एक लाइन से जाती है तो उसे लिखने के लिए भी वही सलीका होना चाहिए. फिर ऐसा क्यों नहीं हैं. क्यों कीबोर्ड अलग होता है. अभी जितने भी लैपटॉप Keyboard या आपके स्मार्टफोन का Keyboard है, वो QWERTY फॉर्मेट में ही क्यों है?

आखिर ऐसा क्यों होता है?

असल में पहले से ऐसा नहीं था. पहले की बोर्ड A,B,C,D फॉर्मेट में था. इस स्टाइल को बनाया था Christopher Latham Sholes ने, लेकिन फिर इससे टाइप करने में वो स्पीड और सुविधा नहीं थी, जैसे कि आज होती है. कई लोगों ने टाइपिंग स्पीड बढ़ाने के लिए कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट किये, लेकिन जो सफल मॉडल सामने आया, वो था ये QWERTY मॉडल. इससे पहले जो मॉडल आया उससे टाइपिंग सही और फ़ास्ट नहीं हो पाती थी.

तब आविष्कार हुआ QWERTY मॉडल का. इसने लोगों की जिंदगी आसान बना दी.  इससे लिखने में भी आसानी होती थी, और स्पीड भी बनी रहती थी। सबसे पहले आया Christopher Latham Sholes का QWERTY कीबोर्ड वाला टाइपराइटर, लेकिन कीबोर्ड वाले टाइपराइटर में लिखना थोड़ा मुश्किल होता था, इसका कारण था कि कीज के बीच में स्पेस उतना नहीं रहता था, जितना आज के समय है. उस समय टाइपराइटर की कीज भी मोटी और उठी हुई रहती थी, जिसकी वजह से जल्दी टाइप करना नामुमकिन था. लेकिन जल्द ही QWERTY मॉडल का आविष्कार हो गया और लोगों की परेशानी दूर हो गई.

ये इतना आसान था की अब हम QWERTY कीबोर्ड यूज करते हैं, इसलिए Typing बेहतर और आसान हो गयी है, बशर्ते आप अपने हाथ और उंगलियों को सही से रखना जानते हों. बिना सीखे हुए भी लोग फ़ास्ट टाइपिंग कर लेते हैं. क्रिस्टोफर लैथम शोलेज एक अमेरिकी आविष्कारक जिन्होंने पहले व्यावहारिक टाइपराइटर और QWERTY कुंजीपटल का आविष्कार किया था जो आज भी प्रयोग में है. ये हर तरफ यूज़ होता है.

कई बार प्रयोग करने के बाद पता चला की सही क्रम में लगे होने के कारण ही लोग सही तरह से टाइपिंग नहीं कर पाते. असल में ये एक तकनीक की तरह था, जिसे समझना आसान तो नहीं था, पर मुश्किल भी नहीं था. बहुत जल्द ही लोगों ने इस बात को एहसास किया कि सीधे क्रम की बजाय अगर उलटे क्रम में इन बटन को लगाया जाए तो मुश्किल आसान हो जाएगी. यही वजह है कि आपके कीबोर्ड में QWERTY शब्दों का इस्तामाल किया गया ताकि टाइप करने में आसानी रहे.

इस तरह से सीधे क्रम को तोडा गया और उलटे क्रम को लगाया गया. अगर अपने टाइपिंग सीखी है तो आपको उसमें बताया जाता है कि कैसे आपको अपनी उँगलियाँ रखनी हैं. इससे आपकी टाइपिंग और भी आसान हो जाती है.

Shweta Singh

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