मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने की तैयारी वैज्ञानिक बहुत पहले से कर रहे हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले उन्हें मंगल ग्रह के तापमान और बाकी चीज़ों के बारे में पूरी जानकारी जुटानी होगी.
इसलिए उन्होंने अपना इनसाइट यान ग्रह पर भेजा है, जो 6 महीनों के सफर के बाद ग्रह की सतह पर उतर चुका है.
मंगल ग्रह की सतह को खोदने के नासा ने खास यान तैयार किया है, यह अंतरिक्ष यान 48.2 करोड़ किलोमीटर की यात्रा छह महीने में पूरी करने के बाद सोमवार को लाल ग्रह पर उतर गया. जैसे ही ये खबर मिली वैज्ञानिकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जब एक उड़ान नियंत्रक ने अंतरिक्ष यान के मंगल की सतह पर उतरने की घोषणा की तो उनके साथी उत्साहित होकर उछलने लगे और ताली बजाने लगे. नासा के मुताबिक इनसाइट नामक यह यान एक पैराशूट और ब्रेकिंग इंजन की मदद से रफ्तार को धीमा किये जाने के बाद उतरा.
मंगल से पृथ्वी की दूरी लगभग 16 करोड़ किलोमीटर है और अंतरिक्षयान के बारे में रेडियो सिग्नल से मिल रही जानकारी यहां तक आने में आठ मिनट से ज्यादा का समय लग रहा है. पिछली बार नासा का अंतरिक्षयान क्यूरियोसिटी रोवर के साथ 2012 में मंगल पर उतरा था.
Our @NASAInSight spacecraft stuck the #MarsLanding!
Its new home is Elysium Planitia, a still, flat region where it’s set to study seismic waves and heat deep below the surface of the Red Planet for a planned two-year mission. Learn more: https://t.co/fIPATUugFo pic.twitter.com/j0hXTjhV6I
— NASA (@NASA) November 26, 2018
इनसाइट की मंगल पर उतरने की पूरी प्रक्रिया सात मिनट तक चली. भारतीय समय के अनुसार सोमवार रात 1.24 बजे ये मंगल की सतह पर उतरा. सात मिनट तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक सांसे रोके पूरी प्रक्रिया को लाइव देखते रहे. जैसे ही इनसाइट ने मंगल की सतह को छुआ, सभी वैज्ञानिक खुशी से झूमने लगे.
आपको बता दें कि नासा ने इनसाइट लैंडिंग को लाइव दिखाया. इस मिशन मंगल में करीब 7044 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इनसाइट को मंगल पर उतारने से पहले इसी साल 5 मई को नासा ने कैलिफोर्निया के वंडेनबर्ग एयरफोर्स स्टेशन से एटलस वी रॉकेट के जरिए लांच किया था. इससे पहले 2012 में मंगल पर पहला यान क्यूरोसिटी भेजा गया था.
यदि ग्रह का तापमान और बाकी चीज़ें ठीक-ठाक होती हैं तो आने वाले कुछ सालों में इंसानों को भी मंगल पर भेजा जाएगा.