दानी उद्योगपति – कहते हैं जिनके पास दिल होता है उनके पास दौलत नहीं होता.
और जिनके पास दौलत होता है उनके पास दानी दिल नहीं होता. लेकिन कुछ धनसेठ याने की उद्योगपति ऐसे भी हैं जो धनवान तो है ही साथ ही उनके पास दिल भी है. ये 5 ऐसे उद्योगपति हैंं जिनके पास दौलत का अंबार तो है ही लेकिन साथ ही गरीबों की सेवा करना भी उनकी फितरत में शामिल है. अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा दान में लगा देते हैं.
आइए जानते हैं ऐसी महान हस्तियों के बारे में जिसे दानवीर कहना गलत नहीं.
राकेश झुनझुनवाला
दानी उद्योगपति राकेश झुनझुनवाला भारत देश के सबसे बड़े शेयर बाजार निवेशक हैं. इनका नाम तो आपने काफी सुना होगा. लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे कि राकेश झुनझुनवाला कितने दानी हैं. बता दें कि साल 2011 में झुनझुनवाला ने साल 2020 तक लगभग 4,400 करोड़ रुपए दान करने का टारगेट बनाया था. इनके तीन बच्चे हैं लेकिन जब उन्होंने दान करने का लक्ष्य रखा था तो उनका कहना था कि चैरिटी मेरी चौथी संतान है. और मैं अपनी पूरी संपत्ति का बंटवारा अपने चारों बच्चों के बीच बराबर मात्रा में करूंगा.
अजीम प्रेमजी
अजीम प्रेमजी विप्रो के चेयरमैन हैं. इन्होंने अपनी संपत्ति का आधा से ज्यादा हिस्सा साल 2015 में चैरिटी को दान कर दिया था. बता दें कि कंपनी में अजीम प्रेमजी का 73 फ़ीसदी से ज्यादा स्टेक है जिसकी कीमत करीब 99,500 करोड रुपए की होती है. साल 2013 की बात है जब उन्होंने संकल्प लेते हुए बोला था की जिनके पास संपत्ति है उन्हें लाखों वंचित लोगों के लिए एक अच्छी दुनिया देने की कोशिश करनी चाहिए. और जितना हो सके गरीबों की मदद करनी चाहिए.
नंदन नीलेकणि और उनकी पत्नी रोहिणी
नंदन नीलेकणी इंफोसिस कंपनी के चेयरमैन हैं. बता दें कि इन दोनों ने ही वॉरेन बफ़ेट और बिल गेट्स की पहल के बाद शुरू किए गए गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर किए हैं. इन्हें अपनी आधी संपत्ति परोपकार की खातिर दान करनी पड़ती है. नीलेकणी की संपत्ति की बात करें तो इनकी संपत्ति लगभग 110.5 अरब रुपए की है.
ए. एम. नाइक
एलएंडटी के मैनेजिंग डायरेक्टर जोकि 1.07 लाख करोड़ रुपए के इंजीनियरिंग दिग्गज हैं. इन्होंने साल 2016 के अगस्त महीने में अपनी संपत्ति दान करने बात कही थी. उनका कहना था कि उनके दादा जी और पिताजी के पास पैसे नहीं थे जिसकी वजह से वे गरीबों के खातिर जिए. मैं अपनी संपत्ति का 75त्न आय दान करूंगा.
नारायण मूर्ति
दानवीरों की लिस्ट में इनका नाम भी बहुत ऊपर है. इंफोसिस फाउंडेशन के नाम से उन्होंने एक संस्था शुरू की जो गरीबों को शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा देने पर काम कर रही है. इन सबके अलावा श्रीराम ग्रुप और पीरामल ने भी अपनी संस्था के माध्यम से युवा और प्राइमरी शिक्षा के खातिर 3 हजार करोड़ रुपए का दान किया है.
ये है दानी उद्योगपति – हमारे भारत देश के ये ऐसे उद्योगपति हैं जिन्होंने हमारे समाज में गरीबों की खातिर दान करने के नाम पर जरा भी कंजूसी नहीं बरती. दिल खोलकर दान करने वाले इन उद्योगपतियों के दिल में समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए एक समान प्यार और इज्जत है.