महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी में वैसे कोई पारिवारिक संबंध नहीं था फिर भी दोनों का अंतिम नाम एक ही था.
बहुत से लोग ये मानते है कि ऐसा इंदिरा ने राजनैतिक फायदे के लिए किया.
इंदिरा के बाद जिस तरह कांग्रेस में परिवारवाद हावी हुआ उसे देखकर लगता है कि ये बात कहीं ना कहीं सही भी है.
आज भी कांग्रेस में कार्यकुशलता से ज्यादा महत्व गाँधी उपनाम को दिया जाता है.