पुराने मंदिर – भारत में विभिन्न प्रकार धर्म समुदाय के लोग रहते हैं । और हर किसी अपनी अलग आस्था और उसे जुड़ी विचारधारा हैं । लेकिन कुछ विचारधाराएं और मान्यताएं ऐसी भी हैं ।
जिन पर हर कोई यकीन करता हैं । ऐसी ही मान्यता के अनुसार लोगों का मानना है कि भारत का जो मंदिर जितना प्राचीन होगा उसकी शक्तियां उतनी ही ज्यादा प्रभावशाली होंगी । आपको बता दें भारत के अधिकतर मंदिर 700 साल से भी ज्यादा पुराने मंदिर हैं । और उन्ही मंदिरों के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।
पुराने मंदिर
१ – वेंकटेश्वर मंदिर ,आंध्र प्रदेश
आन्ध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित भगवान विष्णु का वेंकटेश्वर मंदिर वैसे तो विश्व विख्यात हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं । इस मंदिर को 10 वीं शताब्दी में बनाया गया था । इस मंदिर को विश्व को सबसे प्रचलित और बड़ा धार्मिक स्थल माना जाता हैं । जो दक्षिण भारत के बेहतरीन आर्कटेक्चर और शिल्पकला का बेहतरीन उदाहरण हैं । इस मंदिर की मान्यता के अनुसार इस मंदिर की परछाई नहीं बनती । यानी की यहां आऩे वाले भक्तों को इस मंदिर की परछाई कभी नजर नहीं आती ।
२ – बृहदेश्वर मंदिर, तमिलनाडू
तमिलनाडू के तंजोर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर के बारे में आपने बहुत सी बातें सुनी होंगी । लेकिन आपको जानकार शायद हैरानी होगी कि रिपोर्टस के मुताबिक मंदिर का निर्माण 1003 से 1010 के बीच हुआ था इसे राजा चोल प्रथम ने बनवाया था। हालांकि इस मंदिर की असल उम्र का अंदाजा लगना काफी मुश्किल हैं । ये दुनिया का पहला ग्रेनाइट मंदिर है जिसमें 80 टन ग्रेनाइट पत्थर के टुकड़े लगे हैं । ये मंदिर जितना खूबसूरत और भव्य है इस पर लोगों की आस्था उतनी ही ज्यादा हैं ।
३ – दुर्गा मंदिर , वाराणसी
वारणसी शहर के प्राचीन मंदिरों में से सबसे पुराना रामनगर का दुर्गा मंदिर हैं । इस मंदिर का आर्कटेक्चर भारतीय वास्तुकला और उत्तर भारत की नागरा शैली को दर्शाता हैं । लेकिन इस मंदिर को कब बनवाया गया था। इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इस मंदिर से जुड़ी मान्याता के अनुसार यहां इस मंदिर मौजूद दुर्गा माता की मूर्ति अपने आप प्रकट हुई थी । जिस वजह से लोगों की इस मदिंर से खास आस्था जुड़ी हैं । इस मंदिर में एक वर्गाकर आकृति में बना एक दुर्गा कुंड हैं । जहां बड़ी संख्या में लोग त्योहारों में स्नान करने आते हैं।
४ – मुंडश्वेरी मंदिर , बिहार
भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक बिहार का मुंडश्वेरी देवी मंदिर भी है। जिसे हुविश्क के शासनकाल के दौरान 108 ईंवी पूर्व बनाया गया था । इस मंदिर में भगवान शिव और पार्वती विराजमान हैं. ये मंदिर बिहार के कैमूर जिले में स्थित भगवानपुर अचंल की पवरा पहाड़ी पर मौजूद हैं । जो धरातल से 608 फीट की ऊचाँई पर हैं । इतने सौ साल पुराना होने के कारण लोगों की इस मंदिर में खासा आस्था है उनके अनुसार यहां आने के बाद हर इच्छा पूरी हो जाती है।
५ – लिंगराज मंदिर , उड़ीसा
जब प्राचीन मंदिरों की बात हो रही है तो उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर को हम कैसे भुल सकते हैं । इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में बनाया गया था । यहां आपको एक ही मंदिर में शिव और विष्णु दोनों के दर्शन हो जाते हैं ।
इस मंदिर को अगर आप बाहर से देखते हैं थो ये मदिंर चारों तरफ से फूलों के मोटे गजरों से ढका नजर आएगा । जबकि असल में ये इसका आर्कटेक्चर हैं। जो यहां आने वाले लोगों को हैरान कर देता हैं । इस मंदिर में भगवान विष्णु शालिग्राम के रुप में मौजूद है ।
ये है पुराने मंदिर – लेकिन मंदिर चाहे पुराने हो या नए भक्त के लिए आस्था का मोल सबसे बड़ा होता हैं । और ये मंदिर प्राचीन होने के साथ- साथ भारत के अद्दभुत इतिहास का सबसे अच्छा उदाहरण हैं ।
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