तीर्थस्थलों की यात्रा – वैसे तो भारत में कई तीर्थस्थल हैं लेकिन कुछ ऐसे भी धार्मिक स्थल हैं जहां जाकर आपको स्वर्ग जैसा अहसास होगा।
भारत में बहुत से तीर्थस्थल हैं जिनकी खूबसूरती हर इंसान को अपना दीवाना बनाने के साथ शांति के साथ प्रेम का अहसास भी दिलाती है।
इन तीर्थस्थलों पर लोग ना केवल ईश्वर के दर्शन करने बल्कि घूमने भी आते हैं।
तो चलिए जानते हैं भारत के उन तीर्थस्थलों की यात्रा के बारे में जहां स्वर्ग सा नज़ारा दिखता है।
मां वैष्ण मंदिर सबसे व्यस्त तीर्थस्थल है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित मां दुर्गा के इस मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहा है। त्रिकुटा पर्वत पर स्थित होने के कारण वैष्णो देवी का एक नाम त्रिकुटा देवी भी है। खूबसूरत वादियों और पहाड़ों बीच बसा ये मंदिर सालभर भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मां वैष्णो के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां दर्शन करने आता है उसके मन की मुराद जरूर पूरी होती और माता रानी अपने भक्तों को कभी खाली हाथ नहीं लौटने देती हैं।
२ – पद्मनाभास्वामी मंदिर
दक्षिण भारतीय वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है भारत के केरल राज्य के तिरुअनंपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। हजारों भक्त दूर-दूर से भगवान विष्णु के ‘पद्मनाभ’ रूप के दर्शन करने आते हें। इस मंदिर में भगवान विष्णु शयन मुद्रा में विराजमान हैं। तिरुअनंतपुरम नाम भगवान के ‘अनंत’ नामक नाग के नाम पर ही रखा गया है। देवस्थल के नाम से प्रसिद्ध केरल के सुंदर समुद्रतट पर्यटकों को पद्मनाभस्वामी मंदिर की ओर आकर्षित करते हैं।
३ – मोदनुद्दीन चिश्ती
हिंदू, मुस्लिम, सिख धर्मों का करिश्माई तीर्थस्थल माना जाता है अजमेर का मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह। यहां रोज़ाना लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
४ – वेंकटेश्वर मंदिर
समुद्रतल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के तिरुपति में स्थित वेंकटेश्वर मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। वेंकटेश्वर मन्दिर को दुनिया में सबसे अधिक पूजनीय स्थल कहा गया है। विश्व के सर्वाधिक धनी धार्मिक स्थानों में से एक यह स्थान भारत के सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र है। माना जाता है कि वेंकट पहाड़ी का स्वामी होने के कारण ही इन्हें वैंकटेश्वर कहा जाने लगा। इन्हें सात पहाड़ों का भगवान भी कहा जाता है। वैष्णव संप्रदाय से उत्पन्न इस मंदिर की महिमा का वर्णन विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। जो भक्त व श्रद्धालु वैकुण्ठ एकादशी के अवसर पर यहाँ भगवान के दर्शन के लिए आते हैं, उनके सारे पाप धुल जाते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि यहाँ आने के पश्चात् व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के बन्धन से मुक्ति मिल जाती है।
तीर्थस्थलों की यात्रा एक बार जरूर करनी चाहिए – अगर आप धरती पर ही स्वर्ग का आनंद लेना चाहते हैं तो इन 4 मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। यहां आकर आपको स्वयं ईश्वर के पास होने का अहसास होगा और आपका मन श्रद्धा और भक्ति भाव से भर जाएगा। सालभर में कभी भी यहां दर्शन करने आ सकते हैं।