भारत का कुंभ मेला पूरी दुनिया में फेमस है। यह एक ऐसा मेला है जहां सबसे ज्यादा लोग बिना किसी आमंत्रण के एक साथ इकट्ठे होते हैं।
भारत का कुंभ मेला पर्व विश्व का सबसे बड़ा मेला है। इस मेले की खासियत है कि इसके बारे में किसी तरह का प्रचार नहीं किया जाता और इस मेले से किसी को किसी भी तरह का आमंत्रण भी नहीं जाता है तो भी यहां सबसे ज्यादा लोग इकट्ठे होते हैं। वह भी पूरे अनुशासन के साथ। जिस कारण यूनेस्को भी इस पर शोध कर चुका है।
भारत का कुंभ मेला धार्मिक प्रयोजन हेतु भक्तों का सबसे बड़ा संग्रहण है। सैंकड़ों की संख्या में लोग इस पावन पर्व में उपस्थित होते हैं। कुम्भ का संस्कृत अर्थ है कलश, ज्योतिष शास्त्र में कुम्भ राशि का भी यही चिह्न है। हिन्दू धर्म में कुम्भ का पर्व हर 12 वर्ष के अंतराल पर चारों में से किसी एक पवित्र नदी के तट पर मनाया जाता हैः हरिद्वार में गंगा, उज्जैन में शिप्रा, नासिक में गोदावरी और इलाहाबाद में संगम जहां गंगा, यमुना और सरस्वती मिलती हैं।
विश्व का बड़ा धार्मिक मेला- यूनेस्को
इस मेले में इतने अधिक लोग इकट्ठो होते हैं जिसके कारण यूनेस्को ने भी इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना है। यूनेस्को के अधीनस्थ संगठन इंटरगर्वनमेंटल कमिटी फोर द सेफगार्डिंग ऑफ इन्टेंजिबल कल्चरल हेरीटेज ने दक्षिण कोरिया के जेजू में हुए अपने 12वें सत्र में कुंभ मेले को ‘मावनता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची’ में शामिल किया है।
2019 में कुंभ का मेला
अगला मेला 2019 में लगने वाला है। इस बार के मेले को भारतीय सरकार एतिहासिक बनाने वाली है। दरअसल योगी सरकार ने कुंभ को सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया है जिसके कारण वह इसका प्रचार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कर रही है। बीजेपी सरकार इस कुंभ के मेले को एतिहासिक बनाने का प्रयास कर रही है। कुंभ के मेले की ब्रांडिंग के लिए लगभग 200 देशों में रोड शो होंगे। एक सप्ताह तक चलने वाली इस ब्रांडिंग की शुरुआत लंदन से हो गई है।
कुंभ मेला सलाहकार समिति के सदस्य राकेश शुक्ला ने बताया कि समिति ने कुंभ में एनआरआई लोगों अप्रवासी भारतीयों व विदेशी टूरिस्ट्स को आकर्षित करने के लिए लंदन के ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट और पार्क लेन समेत कई प्रमुख स्थानों पर रोड शो किए गए हैं। यहां आपको बता दें कि यूपी पर्यटन विभाग ने 175 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रण भेजा है।
दिखेंगे 192 देशों के शाकाहारी पकवान
साल 2019 के कुंभ मेले में स्पेशल तरह के पकवान भी दिखेंगे। इस बार स्वाद का भी संगम दिखने वाला है। इस मेले में 192 देशों के शाकाहारी पकवान सर्व किए जाएंगे। ये बाहर के लोगों को आकर्षित करने के लिए किया गया है। इसके लिए खास विदेशी रसोइयों को भी बुलाया जाएगा। फिलहाल पर्यटन विभाग दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू, पुणे, चंडीगढ़, जयपुर एवं आगरा से भी रसोइयों की टीम बुला रही है।
रोप-वे का भी ले पाएंगे मजा
इस मेले में आने वाले टूरिस्ट्स के लिए रोप-वे की भी सुविधा दी जाएगी जिससे कि टूरिस्ट्स रोप-वे का मजा ले पाएं। रोप-वे बनाने की योजना करीब तीन दशक पहले एक धार्मिक संस्था ने बनाई थी लेकिन तब सेना के विरोध के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई थी हालांकि अब पर्यटन विभाग कुंभ को ध्यान में रखते हुए इस योजना पर तेजी से काम कर रहा है।
तो अगले साल का भारत का कुंभ मेला जहां इतिहास में दर्ज होने वाला है वहीं इसमें स्वाद का भी संगम मिलने वाला है। तो अभी से अगले साल की तैयार कर लें।