भारत की आज़ादी के बाद इस देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे जवाहरलाल नेहरु.
जवाहरलाल हमेशा अपनी भव्य और विलासिता पूर्ण जिंदगी के लिए सुर्ख़ियों में रहते थे.
भारत में पैदा होकर भी वह कभी पुरे भारतीय नहीं बन पाए. उनकी पढ़ाई लन्दन के हैरो स्कूल में हुई, फिर आगे की पढ़ाई ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज में हुई. हमेशा महंगे और सलीकेदार कपड़ो में नज़र आने वाले जवाहरलाल नेहरु ने ही नेहरु जैकेट का एक ट्रेंड शुरू किया था.
खैर हमारा मुद्दा नेहरु के कपड़े नहीं हैं.
लेकिन जवाहरलाल नेहरु के बारे में अक्सर सुनने को मिलता हैं कि उनके रंगीन मिज़ाज़ के चलते भारत के हिस्से हुए.
राजीव दीक्षित नाम के एक शख्स हुआ करते थे, जिन्होंने ने नेहरु के चरित्र पर कई सवाल उठाये और अपने एक विडियो के ज़रिये नेहरु की इस बात के पीछे का पूरा इतिहास बताया. जिस के ज़रिये ये कहा गया कि जवाहर लाल नेहरु, मुहम्मद अली जिन्ना और भारत के आखरी वायसराइ लुईस माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन तीनो लन्दन के एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और एडविना का जवाहर लाल नेहरु और मुहम्मद अली जिन्ना दोनों के साथ सम्बन्ध था. कॉलेज खत्म हो गया और सब अपनी-अपनी जिंदगी में व्यस्त हो गए. कुछ समय बाद एडविना की शादी लुईस माउंटबेटन से हो गयी और एडविना लुईस के साथ भारत आई जहाँ जवाहर लाल और मुहम्मद अली दोनों फिर से एडविना के सम्पर्क में आये और फिर से उनके सम्बन्ध बने.
लेकिन इस बार एडविना ने दोनों के साथ के अन्तरंग पलों की तस्वीर निकलकर जवाहरलाल और जिन्ना को ब्लैकमेल किया और भारत-पाकिस्तान दो अलग देश बनाने वाले दस्तावेजो पर दस्तख़त करवा लिए.
इस बात की क्या सचाई हैं इसका कोई प्रमाण तो नहीं हैं लेकिन इस बात की सत्यता पर एक किताब सवाल उठाती हैं जो जवाहरलाल के चरित्र की बात करती हैं. ‘स्टैनले वोल्पार्ट’ नाम के एक अंग्रेज़ी राइटर ने अपनी किताब
“नेहरु: डी ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी” में कई चौकाने वाले ख़ुलासे किये.
यह किताब जवाहरलाल नेहरु और एडविना के संबंधों की नहीं बल्कि लुईस माउंटबेटन और नेहरु के समलैंगिक संबंधों के राज़ खोलते मिलती हैं. जवाहरलाल और लुईस के इन संबंधों को लोगों से छुपाने के लिए ही नेहरु और एडविना के संबंधों की अफवाह उड़ाई गयी ताकि लोगों का ध्यान नेहरु और माउंटबेटन सेक्सुअल संबंधों पर कभी मत जायें.
जब जवाहर लाल नेहरु की 1964 में मौत हुई तब उनके देखभाल करने वाली एक महिला ने अपनी डायरी पर यह भी लिखा की जवाहर लाल की मृत्यु सेक्सुअल बीमारी के चलते हुई.
लेकिन सवाल अब भी यही हैं कि कौन सी बात सच हैं, क्योकि राजीव दीक्षित के विडियो में भी इस जानकारी से जुड़े दस्तावेजों की बात कही गयी थी जो नेहरु के उस सच की पुष्टि करते हैं. वहीँ समलैंगिक होने वाली बात में तो पूरी एक किताब ही लिख दी गयी हैं और वो भी एक ऐसे राइटर ने जिनकी कई क़िताबे पहले भी आ चुकी हैं और जो अमेरिका न्यूयॉर्क के जानेमाने लेखक हैं.