सबसे बड़ा रेपिस्ट – 80 के दशक में फिल्मों में सिर्फ 3 किरदार हुआ करते थे – हीरो, हीरोइन और विलेन.
आज हम आपको एक ऐसे विलेन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने परदे पर अबतक सबसे ज्यादा रेप सीन किए हैं.
इस एक्टर का कहना है कि “मुझे और रंजीत जैसे कलाकारों को फिल्म में आप यूं समझ लीजिए कि केवल रोल इसलिए ऑफर किया जाता था क्योंकि उसमे रेप सीन की डिमांड होती थी.
मैं भले ही कद-काठी और शक्ल से इतना बुरा नहीं रहा था लेकिन कभी भी किसी डायरेक्टर ने मुझे हीरो का रोल ऑफर नहीं किया. इस बात का अफसोस तो मुझे हमेशा होता है लेकिन मेरे फैंस ने मुझे विलेन के तौर पर ही इतना स्टारडम दिया कि मुझे ऐसे रोल करने में कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती थी.”
दरअसल, दोस्तों हम उस सबसे बड़ा रेपिस्ट – फिल्मी सितारे की बात कर रहे हैं जिसने नरगिस से लेकर हेमा मालिनी तक को नहीं छोड़ा. ये और कोई नहीं बल्कि फिल्मी जगत के सुपरविलेन प्रेम चोपड़ा हैं.
प्रेम चोपड़ा साहब की विलेन इमेज उनकी 3-4 फिल्मों के बाद से ऐसी ही बन गई कि उन्हें केवल विलेन या रेप सीन के लिए ही कास्ट किया जाने लगा.
अबतक के सबसे बड़ा रेपिस्ट माने जाते हैं प्रेम चोपडा
हाल ही में पर्यटन नगरी खजुराहो में चल रहे तीसरे अंतर्राष्ट्रीय फिल्मी महोत्सव में प्रेम चोपड़ा भी शरीक हुए. इस दौरान उन्होंने मीडिया से अपने फिल्मी करियर के बारे में कुछ दिल्चसप बाते शेयर की जिसमें उन्होंने बताया कि “80 के दशक में रिलीज़ होने वाली ज्यादातर फिल्मो में स्टोरी को इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए रेप सीन डाला जाता था.”
आपको बता दें कि ऐसे रेप सीन की डिमांड के चलते ही देश के सबसे बडे रेपिस्ट को कास्ट किया जाता था जिसमें प्रेम चोपडा के अलावा रंजीत और अमरीश पुरी जैसे विलेन भी शामिल थे.
समाज के बारे में सोचना बंद कर दिया था
सबसे बड़ा रेपिस्ट – प्रेम चोपड़ा जी ने बताया कि ‘मैं घर से सिर्फ बॉलीवुड में काम करने की इच्छा लेकर ही आया था. जोकि मुझे मिला भी और इतना मिला कि आजतक मेरे पास काम की कमी नहीं हुई.
एक समय मेरी जिंदगी में ऐसा भी आया था जब असल जिंदगी में भी लोग मुझे एक रेपिस्ट की नज़रो से देखने लगे थे. 80 के दशक में भले ही हीरो और विलेन की पॉपुलैरिटी लगभग बराबर ही हो लेकिन फिर भी हीरो के फैंस की लाइन हमारे रूम से ज्यादा लंबी लगा करती थी.
मुझे विलेन या यूं कह लीजिए रेपिस्ट के तौर पर लोगों ने बडी ही आसानी से एक्सेप्ट कर लिया था.
कुछ फिल्में करने के बाद मैंने ये सोचना बंद कर दिया था कि समाज और लोग मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे.
प्रेम चोपडा ने कहा कि फिल्मों में केवल तीन ही किरदार होते थे जिसमे हीरो, हीरोइन और विलेन ही लीड रोल में होते थे. मैं कभी हीरो नहीं बन पाया और इस बात का गम तो मुझे हमेशा से रहा था लेकिन मैं विलेन बना इस बात की मुझे बेहद खूशी है.
मैं खुशनसीब था कि उस दौर में फिल्मों को हिट कराने में विलेन की भूमिका भी बडी महत्वपूर्ण हुआ करती थी. आपको बता दें कि प्रेम चोपडा अपने फिल्मी करियर में 400 बॉलीवुड फिल्में कर चुके हैं जिसमें से उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों में हीरोइनो का रेप किया है. तो हुए ना वो देश का सबसे बड़ा रेपिस्ट.
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