रेल दुर्घटनाएं – भारतीय रेलवे अपनी लेट लतीफी के लिए तो बदनाम है ही, ये बहुत लापरवाह भी है.
तभी तो हर साल रेल हादसों में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. कभी खराब पटरी तो कभी सिग्नल फेलियर की वजह से रेल दुर्घटनाएं होती रहती हैं और इसकी वजह से कई बार तो रेल के सफर के दौरान दिल में एक अजीब सा खौफ बना रहता है कि पता नहीं सही सलामत हम पहुंचेंगे भी या नहीं? आज हम आपको बताने जा रहे हैं पिछले कुछ सालों में हुई कुछ खतरनाक रेल दुर्घटनाओं के बारे में जिसने सैंकड़ों ज़िंदगिया ले लीं.
19 अगस्त 2017 – इस दिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई और 156 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
17 मार्च 2017 – बंगलुरु के चित्रादुर्गा जिले में एक एंबुलेंस की ट्रेन से भिड़ंत होने के चलते चार महिलाओं की मौत हो गई थी.
22 जनवरी 2017 – हीराखंड एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के विजयानगरम जिले में पटरी से उतर गई थी. इस दुर्घटना में 27 यात्रियों की मौत हो गई थी और 36 लोग घायल हुए थे.
20 नवंबर 2016- उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हुआ. इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
25 जुलाई 2016- उत्तर प्रदेश के भदोही इलाके में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन मिनी स्कूल वैन से टकरा गई. जिसमें 10 स्कूली बच्चों की मौत हो गई थी.
20 मार्च 2015- देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे. यह हादसा रायबरेली के बछरावां रेलवे स्टेशन के पास हुई हुआ था.
25 मई 2015- कौशांबी के सिराथू रेलवे स्टेशन के पास मूरी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी. इस हादसे में 25 यात्री मारे गए थे, जबकि 300 से ज्यादा घायल हुए थे.
5 अगस्त 2015- मध्य प्रदेश के हरदा के करीब एक ही जगह पर 10 मिनट के अंदर दो ट्रेन हादसे हुए. इटारसी-मुंबई रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनें मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस और पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गईं. माचक नदी पर रेल पटरी धंसने की वजह से हरदा में यह हादसा हुआ था जिसमें 31 लोगों की मौत हुई थी.
मई 2014- महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में कोंकण रेलवे रूट पर एक यात्री सवारी गाड़ी का इंजन और छह डिब्बे पटरी से उतर गए. हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई जबकि 124 लोग घायल हो गए थे.
26 मई 2014- उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में चुरेन रेलवे स्टेशन के पास गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक मालगाड़ी को उसी ट्रैक पर टक्कर मार दी. इस हादसे में 22 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
ये तो थी कुछ बड़ी रेल दुर्घटनाएं इसके अलावा छोटे-मोटे रेल हादसे तो रोज़ होते रहते हैं, मगर तमाम वादों और दावों के बावजूद सच तो ये है कि रेलवे सुरक्षा मानको पर खड़ी नहीं उतर पाई है. हादसों को रोकने के लिए और ज़्यादा एडवांस तकनीक की ज़रूरत है. हर साल किराया बढ़ाने वाली रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा का भी ख्याल रखना होगा.
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