दुसरे देशों में रहनेवाले – अपनी जगह को छोड़कर दूसरे देश या दूसरे शहर में जाकर बसना काफी मुश्किल होता है ।
लेकिन अक्सर लोगों को जॉब की वजह से या पढ़ाई की वजह से पलायन करना पड़ता है । जहां जीवन के लिए जरुरी साधनों की कमी और शिक्षा और नौकरी के अच्छे श्रोत नही है ।ऐसी जगह से पलायन होना तो समझ आता है। लेकिन भारत जैसी विकासशील देश से पलायन समझ नहीं आता है ।
दरअसल रिसर्च के अनुसार अपना देश छोड़कर दुसरे देशों में रहनेवाले लोगों में सबसे ज्यादा भारतीयों की संख्या है । यानी कि दूसरे देशों के लोगों के मुकाबले भारत के लोग ज्यादा विदेश में रहते है ।
रिसर्च के मुताबिक इस साल अपना देश छोड़ दुसरे देशों में रहनेवाले लोगों की संख्या 25 करोड़ से ज्यादा है, जिसमें सबसे ज्यादा इंडियनस पाए गए । भारतीयों के बाद इस लिस्ट में बांग्लादेश, पाकिस्तान, रुस, चीन जैसे देशओं के लोग शामिल है । भारतीयों का विदेशों की तरफ पलायन करने का सबसे बड़ा कारण नौकरी होता है, क्योंकि विकासशील देश होने के बावजूद भी भारत में शिक्षित बेरोजगारी बहुत ज्यादा है । यानी कि जो जिस योग्य है उसे उसकी योग्यता के मुताबिक काम और सैलरी न मिलना । जिसके चलते कई भारतीय नौजवान नौकरी की तलाश में विदेशों का रुख करते है ।
लेकिन विदेशों में नौकरी करने के कारण अधिकतर भारतीय विदेशों में ही बस जाते है ।
हालांकि भारतीयों के विदेशों में नौकरी करने से भारत को भी काफी फायदा होता है क्योंकि विदेशों में रहने वाले भारतीय अपने परिवार को पैसे भजते है जो देश के आर्थिक कोष को फायदा देता है । आपको बता दें विदेशों से अपने देश पैसों भेजने वाले लोंगो में भारतीय ही सबसे आगे है। लेकिन भारतीयों के पलायन का फायदा भारत से ज्यादा उन देशों को होता है जिन देशों की तरफ भारतीय पलायन करते है । जिनमें अमेरिका नंबर वन पर है ।
वैसे अमेरिका भारतीयों की ही नही दुनियाभर के लोगों की पलायन के लिए पहली पसंद है और शायद अमेरिका के विकसित और ताकतवर देश होने का कारण भी है ।
जिन देशों की तरफ लोग सबसे ज्यादा पलायन करते है उनमें अमेरिका के अलावा सऊदी अरब, रुस, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और आस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल है। वैसे आपको बता दें आजकल सिर्फ नौकरी की ही तलाश नही बल्कि पढाई के लिए भी भारतीय विदेंशों में रहने के लिए जाते है । लेकिन भारतीयों के विदेशों में पलायन करने के कारण भारत की विकास की रफ्तार धीमी हो रही है । ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीयों का हुनर देशों में लगा है ।
आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि अमेरिका 33% डाक्टर इंडियन है । जिसमें कैंसर से लेकर हार्ट हर तरह के डॉक्टर शामिल है । आप ही सोचिए अगर ये ही डॉक्टर भारत में होते तो। माना कि हर किसी की ख्वाहिशें होती है जो जरुरी नहीं अपनी जगह पर रहकर पूरी की जा सके ।
लेकिन क्या ऐसा कोई ख्वाब नहीं देखा जा सकता खुद के साथ साथ अपने देश के लिए भी हो । जिसमें जरुरतें कम और देश के लिए चाहत ज्यादा हो ।