हिमालय की विशालकाय पहाड़ियों के नीचले इलाके में खूबसूरत वादियों और प्राकृति के लाजवाब नजारों से घिरा हुआ एक ऐसा राज्य है, जिसे पूर्व का स्विट्जरलैंड या फिर भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है.
जहां तक आपकी नज़र जाए वहां तक बर्फ से ढंकी हुई पहाड़ियां, सीधी चढ़ाईवाली चोटियां, तंग घाटियां, बादलों में छुपी हुई पर्वत की चोटियां दिखाई देती हैं.
सिक्किम के इन मनोरम दृश्यों को – भारत का स्विट्जरलैंड – देखकर आप असली स्विट्जरलैंड जाना भूल जाएंगे.
यहां से माउंट कंचनजंघा का नज़ारा वाकई देखने लायक होता है. सूर्योदय होते ही उसकी किरणें सुनहरी होकर जमीन से टकराती हैं. यह दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी हैं.
भारत का स्विट्जरलैंड – जिसकी ये जगहें मोह लेंगी आपका मन
ऊंचे-ऊंचे पहाड़ सिक्किम के आसमान पर राज करते हैं. बर्फ से ढंकी चोटियां, हरे पन्ने जैसी ढाल, तेज जलधारा, चमकते ऑर्किड्स और पहाड़ी हवा के साथ चोटियों पर बने मठों के बहुरंगी झंडे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
1 – गंगटोक
पहाड़ियों की ढाल पर स्थित सिक्किम की राजधानी गंगटोक के दोनों तरफ आकर्षक भवन दिखाई देते हैं. यहां पारंपरिक रीति-रिवाजों और आधुनिक जीवनशैली का अनूठा संगम देखने को मिलता है.
2 – युकसोम
युक्सोम शहर सिक्किम की पहली राजधानी थी. इस जगह को पवित्र स्थान समझा जाता है, क्योंकि सिक्किम का इतिहास ही इससे शुरू होता है. यह प्रसिद्ध माउंट कंचनजंघा की चढ़ाई के लिए बेस कैम्प भी है.
3 – सोमगो लेक
यह झील एक किलोमीटर लंबी, अंडाकार है. स्थानीय लोग इसे बेहद पवित्र मानते हैं. मई और अगस्त के बीच झील का इलाका बेहद खूबसूरत हो जाता है. दुर्लभ किस्मों के फूल यहां देखे जा सकते हैं. सर्दियों में झील का पानी जम जाता है.
4 – नाथुला दर्रा
भारत-चीन सीमा पर स्थित नाथुला दर्रा 14,200 फीट की ऊंचाई पर है. नाथुला दर्रा सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वशासी क्षेत्र से जोड़ता है. धुंध से ढंकी पहाड़ियां, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, गरजते झरने और यहां के रास्ते बेहद अद्भुत है. हालांकि इस जगह जाने के लिए पर्यटकों के पास परमिट होना चाहिए.
5 – पेलिंग
पेलिंग तेजी से लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रहा है. 6,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित इसी जगह से दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट कंचनजंघा को सबसे करीब से देखा जा सकता है.
6 – रूमटेक मोनास्ट्री
यह भव्य मठ सिक्किम के शीर्ष पर्यटन केंद्रों में से एक है. इसी जगह पर 16वें ग्यालवा कर्मापा का घर है. मठ में असाधारण कलाकारी दिखती है. गोल्डन स्तूप इस मठ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है.
7 – दो-द्रूल चॉर्टेन
यह सिक्किम के सबसे खूबसूरत स्तूपों में से एक माना जाता है. यहां 108 प्रार्थना चक्के लगे हैं, इसमें कई मांडला सेट्स हैं.
कैसे पहुंचे सिक्कम ?
भारत का स्विट्जरलैंड कहे जानेवाले सिक्किम में पहुंचने के लिए अप्रैल और मई महीने को सबसे अच्छा माना जाता है. यह साल का वह वक्त होता है, जब ऑर्किड और रोडोडेन्ड्रंस की छटा पूरे पहाड़ी राज्य में छाई होती है.
1 – हवाई मार्ग से
सिक्किम का अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है. पश्चिम बंगाल में बागडोगरा जो सिलिगुड़ी के पास मौजूद है. ये सिक्किम पहुंचने के लिए नज़दीक का एयरपोर्ट है, जो सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 125 किलोमीटर दूर स्थित है. बागडोगरा, दिल्ली और कोलकाता की नियमित उड़ानों से जुड़ा हुआ है.
2 – सड़क मार्ग से
हिमालय के निचले हिस्से में स्थित इस राज्य में सड़कों का जाल बिछा हुआ है. पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से से होते हुए भी यहां पहुंचा जा सकता है. दार्जीलिंग, कलिमपोंग, सिलिगुड़ी, गंगटोक और राज्य के अन्य शहरों से सीधे जुड़े हुए हैं.
3 – रेल मार्ग से
सिक्किम में रेल नेटवर्क नहीं है लेकिन सबसे पास का रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी है, जो गंगटोक समेत पूर्वोत्तर के कई बड़े शहरों से जोड़ता है. इसके अलावा भारत में भी सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों- कोलकाता, दिल्ली से यह अच्छे-से जुड़ा है.
प्रकृति की गोद में अगर आप अपनी छुट्टियां बिताने का प्लान बना रहे हैं तो भारत का स्विट्जरलैंड से बेहतर जगह और कोई हो ही नहीं सकती. यहां बर्फ की चादर में लिपटी हुई खूबसूरत पहाड़ियां, प्रकृति के अद्भुत नज़ारे, यहां की सांस्कृतिक छटा और लज़ीज पकवान आपका मन मोह लेंगे.
तो फिर रह किसकी देख रहे है – चलिए चलते है भारत का स्विट्जरलैंड !!!
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