धरती पर जल संकट बढ़ता ही जा रहा है।
सरकार और वैज्ञानिक दोनों ही इस जल संकट से बचने के उपाय ढूंढ रहे हैं।
वैज्ञानिक कई सालों से खारे पानी को पीने योग्य बनाने पर रिसर्च कर रहे हैं। इस काम में उन्हें कामयाबी तो मिल जाती है लेकिन ये तरीका इतना महंगा और कठिन होता है कि हर देश के लिए इसे अपना पाना मुश्किल होता है। अभी भी वैज्ञानिक खारे पानी को पीने याग्य बनाने को लेकर रिसर्च कर रहे हैं।
इसी कड़ी में एक अमेरिका के भारतीय मूल के छात्र को सफलता मिली है।
उसने खारे पानी को साफ करने का सस्ता तरीका ढूंढ निकाला है.
औरिगन के पोर्टलैंड का रहने वाला छात्र चैतन्य कारम्चेडू ने अपने विज्ञान के एक एक्सपेरिमेंट से पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। चैतन्य ने खारे पानी को पीने योग्य बनाने का सस्ता और आसान तरीका खोज निकाला है। इस छात्र के शोध ने कई बड़ी तकनीकी कंपनियों और विश्वविद्यालयों को पीछे छोड़ दिया है।
जेसटु हाई स्क्ूल सीनियर ने एक अमेरिकी टीवी चैनल को बताया कि चैतन्य के पास दुनिया और विज्ञान को बदलने की बड़ी योजनाएं हैं।
चैतन्य का कहना है कि प्रत्येक 8 में से 1 व्यक्ति के पास पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है जबकि स्वच्छ पानी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है। हमें इस ओर महत्वपूर्ण सुधार लाने की जरूरत है। चैतन्य ने बताया कि लोगों को गंदा पानी पीते देख उनके मन में इस समस्या का हल ढूंढने का विचार आया और उन्होंने खारे पानी को पीने योग्य बनाने पर काम शुरु कर दिया।
उच्च बहुलक के साथ खारे पानी पर प्रयोग कर इस छात्र ने समुद्री जल से नमक हटाकर पीने योग्य जल तैयार करने का सस्ता और आसान तरीका खोज निकाला है।
चैतन्य अभी अपने इस प्रयोग पर और काम कर रहा है।
खारे पानी को साफ करने का सस्ता तरीका – वैज्ञानिकों का मानना है कि चैतन्य द्वारा किया गया यह एक्सपेरिमेंट काफी लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है।