राज्य की पहचान – देश में हर राज्य की एक खास पहचान है जिससे वह राज्य अन्य राज्यों के बीच पहचाना जाता है।
कई बार राज्य की पहचान उनके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच भी तैयार करता है। इससे देश गौरान्वति होता ही है परन्तु साथ-ही-साथ राज्यों के प्रति लोगों की क्षीण धारणा कम भी होती है। देश में कई ऐसे राज्य है जिन्होंने स्वयं को विकसित कर रोजगार के विभिन्न साधन पैदा किए हैं। फिर वे साधन टूरिज्म, खान-पान, हस्तकला व चित्रकारी जैसे माध्यम क्यों न हो।
इन साधनों से संबंधित कई राज्य लोकप्रिय है जिनसे हर व्यक्ति अभिज्ञ हो लेकिन इन राज्यों के अलावा देश में ऐसे ही अन्य राज्य भी हैं। जिन्होंने विशेष प्रतिभा से राज्य को महानगरीय स्तर तक पहुंचा दिया है। जो अब अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल है।
तो चलिए देश के राज्य की पहचान – उन राज्यों के बारे में पढ़ते हैं।
राज्य की पहचान –
१ – राजस्थान का पिपलांत्री गांव
राजस्थान का यह गांव एक मिसाल है उन लोगों के लिए जो बेटी को भ्रूण में मार देते हैं और साथ ही मिसाल है उन राज्यों के लिए जहां किसी बेटी के बलात्कारी को बचाने के लिए वहां की सरकार मदद कर रही है। असल में यह स्थिति देश की सच्चाई है, जिसे हम कई बार देखते आ रहे हैं। लेकिन राजस्थान के इस गांव में सोच अलग हैं. यहां बेटी के जन्म पर जश्न मनाया जाता है और साथ ही 111 पेड़ों को लगाया जाता है। यह उम्दा सोच गांव के पूर्व सरपंच श्याम सुन्दर पालीवाल की है जिन्होंने एक हादसे में अपनी बेटी को खो दिया था। जिसके बाद सरपंच ने बेटी की स्मृति में इस पहल की शुरुआत की थी। बच्ची के जन्म के साथ पेड़ लगाने के अलावा, गांव के लोग बच्ची के नाम पर बैंक में 21 हजार रुपये जमा करवाते हैं और 10 हजार पंचायत की ओर से भी दिए जाते हैं। मुखिया की इस पहल ने गांव में बेटियों को स्थान दिया जिससे वहां पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी गए और राज्य की मुख्यमंत्री ने भी वहां जाकर सरपंच की पहल को सराहा।
२ – हिमाचल प्रदेश का मड़ावग
यह शहर एशिया में सेब के उत्पाद के लिए पहचाना जाता है। यहां के सेब विदेशो में अधिक निर्यात किए जाते हैं। महज 2 हजार की आबादी का यह शहर सेब की खेती के लिए दुनिया में लोकप्रिय है। यहां के सभी ग्रमिण सेब की खेती करते हैं और इस खेती से एक व्यक्ति की 70 लाख प्रतिवर्ष कमायी हैं। यहां पर हर किस्म के सेब की खेती होती है जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेचे जाते हैं। यदि यहां पर प्रति व्यक्ति के आय की बात करें फिर इस शहर ने अन्य राज्य को पछाड़ दिया है।
३ – महाराष्ट्र का हिवेरा बाजार गांव
महाराष्ट्र का यह सुखाग्रस्त गांव अब पहले जैसा नहीं रहा है। पिछले एक दशक से भी कम समय में वहां के हालात बदल गए हैं। और अब इस गांव को समृद्ध गांव में गिना जाता है। गांव में यह परिवर्तन वहां के लोगों ने किया है उन्होंने सरकारी योजनाओं के जरिए प्राकृतिक संसाधनों, वन, जल को पुनर्जीवित कर गांव को सुखाग्रस्त से बचा लिया। जो दूसरे गांव के लिए एक मिसाल है।
ये है राज्य की पहचान – क्या आप इस लेख को पढ़ने के बाद भी किसी राज्य के गांव को यह कहकर कमतर समझेंगे कि यह महज गांव है। यहां पर उज्ज्वल भविष्य संभव नहीं है ।
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