अभी हाल ही में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाये जाने के बाद से एक बार फिर से दोनों देशो के बीच जासूसी करने के आरोप-प्रत्यारोप लग रहे है।
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश एक-दूसरे पर जासूसी के कई बार आरोप लगा चुके है। आज हम आपके सामने भारत के कुछ जासूसों की कहानी लाये है जिनके बारे में बीबीसी पहले बता चूका है।
तो आइये जानते है पाकिस्तान में भारतीय जासूसी के चर्चित मामले जिनका आरोप पाकिस्तान हमेशा से भारत पर लगाता रहा है-
पाकिस्तान में भारतीय जासूसी के चर्चित मामले –
1. कुलभूषण जाधव-
पाकिस्तान ने भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के लिए जासूसी के आरोप में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि 3 मार्च 2016 को ईरान से पाकिस्तान में अवैध घुसपैठ के मामले में आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था। हालाँकि भारत का दावा है कि कुलभूषण जाधव नौसेना के पूर्व अधिकारी है और उनका भारत सरकार से कोई लेना देना नहीं है। अब ये केस फ़िलहाल इंटरनेशनल कोर्ट में चल रहा है।
2. सरबजीत सिंह-
सरबजीत सिंह का मामला भी काफी सुर्ख़ियों में रहा था। सरबजीत 23 साल तक पाकिस्तान की जेल में कैद था। कहा जाता है कि वह शराब के नशे में पाकिस्तान की सीमा में घुस गया था। क्योंकि तब सरहद पर तार के बाड़े नहीं थे। पाकिस्तान ने सरबजीत पर जासूसी का आरोप लगाते हुए मुकदमा चलाया था। भारत सरकार और सरबजीत की बहन दलबीर कौर की लाख कोशिशों के बाद भी सरबजीत को बचाया नहीं जा सका। भारत की तरफ से सरबजीत की रिहाई के दबाव के बीच आखिरकार 2013 में सरबजीत की जैल में हत्या कर दी गई।
3. कश्मीर सिंह-
35 सालों तक पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद छूटकर आये कश्मीर सिंह का मामला भी काफी सुर्ख़ियों में रहा। कश्मीर सिंह पर पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में जैल में डाल दिया था। हालाँकि पाकिस्तान से छूटकर आने के बाद कश्मीर सिंह ने पीटीआई को बताया था कि वह एक जासूस था और उसे इस काम के एवज में 400 रूपये महीने मिलते थे।
4. सुरजीत सिंह-
69 वर्ष की आयु में पाकिस्तान से रिहा होकर लौटे सुरजीत सिंह पर भी जासूसी का आरोप लगा था। करीब 30 सालों तक पाकिस्तान की कैद में रहे सुरजीत सिंह जुलाई 2012 में भारत लौटे। सुरजीत सिंह के अनुसार 1981 में ठंड के दिनों में पाकिस्तान गए थे और और अपनी पत्नी से दूसरे दिन लौटने की बात कही थी। लेकिन वापस आने में 30 साल 6 महीने लग गए। सुरजीत ने बीबीसी को बताया था कि शुरुआत में उन्होंने बीएसएफ में काम किया फिर 1968 में नौकरी छोड़कर खेती करने लगे। फिर उसके बाद 70 के दशक में वह भारतीय सेना में बतौर जासूस शामिल हो गए। सुरजीत के अनुसार उन्होंने पाकिस्तान का 85 बार दौरा किया था।
5. रवीन्द्र कौशिक-
रविन्द्र कौशिक वही व्यक्ति है जिनके नाम पर सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर बन चुकी है। रविन्द्र कौशिक भारत के लिए जासूसी करने के लिए पाकिस्तान गए थे और वहां पर उन्होंने पाकिस्तानी सेना में रहते हुए मेजर तक का पद हासिल कर लिया था। इस दौरान उन्होंने भारत को कई अहम जानकारियां भी दी। लेकिन 1983 में कौशिक का राज खुल गया क्योंकि रॉ ने एक अन्य जासूस को कौशिक से मिलने भेजा था। जिसे पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ने पकड लिया था, उससे पूछताछ करने पर कौशिक की पहचान उजागर हो गई। लेकिन कौशिक तब तक वहां से भाग निकले और उन्होने भारत से मदद मांगी लेकिन कहा जाता है कि भारत सरकार ने उन्हें भारत लाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। बाद में मियांवाली की जैल में ही 2001 में टीबी और हार्ट अटैक से कौशिक की मौत हो गई।
ये है पाकिस्तान में भारतीय जासूसी के चर्चित मामले जो आज भी खबरों में चल रहे है – वो जासूस जिनके ऊपर पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाया
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