हनीट्रैप – आपने और हमने कई बार फिल्मो में देखा होगा की कैसे दूसरे देश अपनी खूबसूरत महिला जासूस को दूसरे देश के मर्द जासूस के पीछे अपने जाल में फंसाने के लिए भेज देते हैं और फिर ठीक वैसा ही होता है जैसा की वह चाहते हैं.
ऐसा ही कुछ हमारे देश के सैन्य अफसरों के साथ भी हो चुका हैं जिन्होंने दुश्मन देश की महिलाओं के प्यार में फंस कर उन्हें गुप्त जानकारी पहुंचा दी थी. इस जाल को हनीट्रैप के नाम से जाना जाता है और भारत की ही तरह इसे सभी देश इस्तेमाल करते हैं.
आज हम आपको बताएंगे की भारत के वो कौन से सैन्य अफसर हैं जो इस हनीट्रैप का शिकार हो चुके हैं-
१ – रंजीत केक
दोस्तों इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है भटिंडा के एयरफोर्स स्टेशन के सैन्य अफसर का, जिसे क्राइमब्रांच ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया, क्राइमब्रांच को पता लगा की वह सोशल मीडिया के जरिए दामिनी मैकनॉट नाम की महिला के संपर्क में था. दामिनी ने रंजीत को को बताया की वह यूके में एक मैगजीन एंप्लाई है जबकी हकीकत में वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की एंजेंट थी. इस हनीट्रेप के जाल में रंजीत ने दामिनी को ना जाने कितनी खुफिया जानकारी पहुंचा दी थी.
दामिनी ने मैगजीन में पब्लिश करने के बहाने से रंजीत से एयरफोर्स की कई सूचनाएँ हासिल कर ली थी और इसके बदले उसे एक बार 25000 हजार तो दूसरी बार 5000 रुपये भी दिए थे.
२ – पाटन कुमार पोद्दार
सिकंदराबाद में रहते हुए सोशल मीडिया के जरिए भारतीय देना के सूबेदार पद पर कार्यरत पाटन कुमार पोद्दार हुस्न के चक्कर में मान सम्मान गवा बैठे. पाटन को फेसबुक पर अनुष्का अग्रवाल नाम की लड़की की रिक्युएस्ट आई, लड़की ने उससे दोस्ती की और बातचीत करते हुए अपनी सभी प्रकार की निजी जानकारीया एक दूसरे को बता दी. यह भी एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की ही जासूस थी जिसने पना संबंध झांसी से बताया था. उसने ये तक बताया की उसक पिता एक रिटायर्ड एयरफोर्स कमांडर है और फिलहाल झांसी में संयुक्त राष्ट्र की एक एनजीओ चलाते हैं.
कुछ समय बाद अनुष्का ने पाटन से अपने झूठे प्यार का इजहार कर उसे अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया और इसी दौरान भारतीय सेना का ऑनलाइन सर्वे करने के एवज में 10 हजार रूपये देने का वादा भी किया. जिसके बाद पाटन ने महिला के इशारे पर सिकंदराबाद छावनी की सेना के बारे में कई संदिग्ध जानकारिया दी जिन्हें बाद में पुलिस द्वारा पाटन के कंप्यूटर से बरामद किया गया.
३ – सुनीत कुमार
सन् 2014 में सेना के मेरठ सैन्य क्षेत्र में तैनात सुनीत कुमार फेसबुक के जरिए आईएसआई एजेंत पूनम प्रकाश और रिया के संपर्क में आया था. और फिर क्या था हुस्न के जाल में इस कदर फसा सुनीत की भारतीय सेना की खुफिया जानकारी उन दोनों लड़कियों को मुहैया कराने लगा. लालच के भंवर में इस तरह डूब गया था सुनीत की वह आतंकी संगठनों के करीब तक पहुंच गया.
ये थी हनीट्रैप – इन सभी सैन्य अफसरों को पाकिस्तानी जासूस महिलाओं ने अपने हुस्न के जाल में इस तरह फंसाया की वह अपने देश तक से गद्दारी कर बैठे.