हवलदार संजीवन सिंह राणा
51 वर्ष के संजीवन सिंह के पिता भी भारतीय सेना में रह चुके है. आतंकी हमले का सबसे पहले जवाब देने वाले हवलदार संजीवन ही थे. लड़ते लड़ते उनके सीने में पांच गोलियां लगी लेकिन फिर भी आखिरी सांस तक उन्होंने मोर्चा नहीं छोड़ा और आखिरी दम तक लड़ते लड़ते शहीद हो गए.