आपने हालीवुड की फिल्मों में अक्सर देखा होगा कि अमेरिका पर दुश्मनों का हमला होने वाला है और उसके वैज्ञानिक और खुफिया एजेंसियों के लोग उसको बचाने में लग जातें हैं.
बहुत जल्द वे ऐसा अविष्कार करते हैं जिससे वे न केवल अमेरिका को बल्कि पूरी दुनिया को नष्ट होने से बचा लेते हैं.
लेकिन अगर आप से कोई कहे कि वही अमेरिका इन दिनों सांपों से अपनी रक्षा नहीं कर पा रहा है, तो आपको यकीन नहीं होगा. लेकिन हकीकत है कि नासा से लेकर सीआइए तक सब अजगर सांपों के आगे बेबस हैं.
ऐसे उसे दुनिया में एक देश की याद आई जो उसे सांपों से बचा सकता है.
वह देश है भारत. और भारत के सपेरे !
गौरतलब है कि भारत में सांप पकड़ने वालों के हुनर के चर्चे देश ही नहीं दुनिया में भी हैं. यही वजह है कि अजगरों से परेशान अमेरिका को इन्हें पकड़ने के लिए भारत के सपेरे याद आये.
इसके लिए तमिलनाडु की इरला जनजाति के सपेरों मासी सदाइयान और वैदिवेल गोपाल को अमेरिका ने विशेष तौर पर अपने यहां बुलाया है. बता दें कि इरला जनजाति के लोग पारंपरिक तौर पर सांप पकड़ने का पेशा है.
फ्लोरिडा के वन्यजीव विभाग ने सांप पकड़ने के लिए जिन दो भारतीय सपेरे को हायर किया है उनको फरवरी तक काम करने के लिए तकरीबन 44 लाख रुपये देगा.
दरअसल, अमेरिका के जंगलों में बर्मन मूल के ऐसे अजगर हैं जो छोटे स्तनधारी प्राणियों को खा जाते हैं और इसके कारण वहां कुछ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. इस खतरे को भांपते हुए अमेरिका ने भारत के सपेरे याद आये और उनकी मदद ली है. मासी सदाइयान और वैदिवेल गोपाल नामक इन do भारत के सपेरे विशालकाय सांपों को पकड़ने के लिए जनवरी की शुरुआत में बुलाया गया था.
अजगरों को पकड़ने में माहिर इन लोगों ने महज 8 दिनों में ही 13 अजगरों को पकड़ दिखाया. इतना ही नहीं, इन्होंने 16 फीट लंबी मादा अजगर को भी पकड़कर फ्लोरिडा फिश ऐंड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन कमिशन के अधिकारियों को चकित कर दिया है.
भारत के सपेरे बड़े बड़े और खतरनाक अजगरों को इतनी आसानी और कुशलता से पकड़ लेते है जैसे कोई मामूली सांप को पकड़ता है.
भारत के सपेरे की सांप पकड़ने की कुशलता देखकर फ्लोरिडा के वन्यजीव विभाग के अधिकारी चाहते हैं कि जाने से पहले ये लोग उनके विभाग के लोगों को भी अपने कुछ कौशल सिखा दें. ताकि इनके जाने के बाद वे भी कुछ अजगरों को पकड़ सके.