राष्ट्रपति का चुनाव – देश के प्रथम नागरिक यानि राष्ट्रपति को महामहिम भी कहा जाता है।
वर्तमान समय में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हैं जिनका कार्यकाल 25 जुलाई, 2017 को समाप्त होने जा रहा है। इसके पश्चात् अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी।
राष्ट्रपति का चुनाव – चुनने की प्रक्रिया प्रधानमंत्री चुनाव से थोड़ी अलग होती है।
आम चुनाव में सीधा जनता द्वारा प्रधानमंत्री को चुना जाता है जबकि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया अलग होती है। भारत में राष्ट्रपति चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। देश के राष्ट्रपति का चुनाव सांसद और विधायक अपना वोट देकर करते हैं।
लोकसभा के 543, राज्यसभा के 233 सांस और सभी राज्य विधानसभाओं के विधायक मिलकर राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान करते हैं। इस प्रक्रिया से देश का राष्ट्रपति चुनने का चलन 1974 से चला आ रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के दौरान वोट करते समय उम्मीदवार के नाम के आगे वरीयता देनी पड़ती है, जैसे कि आप अपने पसंदीदा उम्मीदवार के आगे 1 लिखना होता है। जिस उम्मीदवार के नाम के आगे 1 नबर की वरीयता कम होती जाती है उसका नाम चुनाव से हटता जाता है। जिसके नाम के आगे सबसे ज्यादा बार 1 नंबर होता है वहीं उम्मीदवार राष्ट्रपति का चुनाव जीत लेता है।
विदेशों में देश की सरकार राष्ट्रपति के हाथों में होती है लेकिन एकमात्र भारत ऐसा देश है जहां सारी हुकूमत की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के जिम्मे होती है।
भारत में राष्ट्रपति से ज्यादा अधिकार प्रधानमंत्री के पास होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि राष्ट्रपति के पास कुछ कम शक्तियां होती हैं। राष्ट्रपति की सहमति के बिना देश में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव मान्य नहीं होता है।
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