ये नगरी है राजाओं की!
आज भी यहां बड़ी और विशालकाय हवेलियां मौजूद हैं.
इस शहर की आबोहवा में गुलाबी रंग की छटा बिखरी हुई है.
इस शहर को भारत का पैरिस भी कहा जाता है और आम हिंदुस्तानी इसे पिंक सिटी यानि गुलाबी शहर के नाम से जानते हैं.
जयपुर के इस पिंक सिटी की खूबसूरती और यहां हवेलियों के रुप में मौजूद ऐतिहासिक विरासतों को करीब से जानने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने से विदेशी पर्यटक भी आते हैं.
आप भी भारत का पैरिस – पिंकी सिटी की खासियतों को जानकर इसके फैन हो जाएंगे और यहां खींचे चले आएंगे.
भारत का पैरिस राजाओं की नगरी है
अगर जयपुर को राजाओं की नगरी कहा जाए तो गलत नहीं होगा. आज भी भारत सरकार ने इन राजाओं की हवेलियों को सरंक्षित करके रखा हुआ है, जिसे देखने हर साल लाखों की तादाद में विदेशी और भारतीय सैलानी आते हैं.
रेगिस्तान और महलों से घिरा हुआ जयपुर देश का पहला ऐसा शहर है जिसका निर्माण वास्तुशास्त्र के मुताबिक किया गया है.
जयपुर के मशहूर पर्यटक स्थल
भारत का पैरिस – पिंक सिटी जयपुर में आमेर किला, नाहरगढ़ किला, हवा महल, शीश महल और जल महल यहां के मशहूर पर्यटक स्थल हैं. जयपुर सिर्फ पर्यटकों का ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा की भी पहली पसंद बनता जा रहा है.
आमेर किला
आमेर किले के नाम से मशहूर इस खूबसूरत किले को महाराजा मानसिंह प्रथम ने बनवाया था और यह बड़े दरवाजों और पथरीले रास्तों के साथ हिंदू वास्तुकला का कलात्मक नमूना है.
नाहरगढ़ किला
अरावली की पहाडि़यों के किनारे स्थित नाहरगढ़ किले से गुलाबी शहर जयपुर का अद्भुत नज़ारा दिखता है. जयपुर की स्थापना करनेवाले महाराजा सवाई जय सिंह ने ही इस किले का निर्माण करवाया था.
हवा महल
हवा महल का निर्माण महाराजा प्रताप सिंह ने करवाया था और यह जयपुर के दक्षिण में स्थित है. इस खूबसूरत पांच मंजिला भवन को भगवान कृष्ण के प्रतिरुप के तौर पर बनवाया गया और इसमें 1000 छोटी खिड़कियां हैं. इसका गुलाबी और लाल पत्थरों का बाहरी हिस्सा सुबह की रोशनी में बहुत खूबसूरत नज़र आता है.
जल महल
जल महल एक खूबसूरत वास्तुकला का नमूना है जो जयपुर शहर की सागर झील के बीच में मौजूद है. इन दोनों को 18वीं सदी में राजा जय सिंह ने पुनर्निर्मित किया था.
यह पूरा इलाका अरावली, अन्य किलों, मंदिरों और मन को मोह लेनेवाले प्राकृतिक सौंदर्यो से घिरा है.
जंतर-मंतर
महाराजा जय सिंह द्वारा बनवाई गई इस वेधशाला को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा चुका है और इसमें खगोलीय उपकरणों का बहुत बड़ा संग्रह है.
जगत शिरोमणि मंदिर
इस सुंदर मंदिर का निर्माण राजा जगत सिंह की मां श्रृंगार देवी कंकावत ने करवाया था और इसे बनने में सन 1599 से लेकर 1608 तक का नौ साल का समय लगा. यह पश्चिम मुखी मंदिर हिंदू भगवान राधा और कृष्ण को समर्पित है.
जयपुर का खान-पान
बात जयपुरी खाने की हो और जयपुरी गट्टा और घेवर न हो तो बेकार है. अगर आप जयपुर घूम कर थक गए हैं तो गट्टे की सब्जी पूरी के साथ ट्राई करना बिल्कुल ना भूले.
इसके अलावा दाल बाटी-चूरमा, प्याज की कचौड़ी, कबाब, मुर्ग को खाटो और अचारी मुर्ग यहां के प्रसिद्ध व्यंजन हैं.
कैसे पहुंचे जयपुर
रेगिस्तानी इलाका होने की वजह से गर्मियों में जयपुर का मौसम बहुत गर्म रहता है और तापमान करीब 45 डिग्री तक पहुंच जाता है. इसलिए यहां घूमने आने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का होता जब तापमान लगभग 8.3 डिग्री तक गिर जाता है.
जयपुर पहुंचने के लिए आप दिल्ली, मुंबई, जोधपुर, उदयपुर, कोलकाता और अहमदाबाद से हवाई यात्रा कर सकते हैं.
जबकि जयपुर के लिए दिल्ली, आगरा, मुंबई, चैन्नई, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अहमदाबाद से कई रेलगाडि़यां उपलब्ध हैं.
गौरतलब है कि यहां की मेहमान नवाज़ी, ऐतिहासिक विरासत की गवाह बनी इस समृद्ध संस्कृति और पंरपरा को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भारी तादात में सैलानी आते हैं.
यहां आनेवाले पर्यटक इस गुलाबी शहर की आबोहवा में इस कदर खो जाते हैं कि उन्हें भारत का पैरिस फ्रांस का पैरिस भी फीका लगने लगता है.