एक समय था जब भारत में मिस वर्ल्ड की झड़ी लग गई थी.
लेकिन वर्ष 2000 के बाद भारत से एक भी मिस वर्ल्ड नहीं चुनी गई. आखिर क्या वजह है कि अब किसी भारतीय महिला को मिस वर्ल्ड नहीं चुना जा रहा.
दरअसल, इन सबके पीछे एक लॉबी काम करती है.
वह तय करती है कि मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स किस देश या रीजन से चुनी जानी है.
आपको ध्यान होगा कि ऐश्वर्या राय, युक्ता मुखी, डायना हेडन और प्रिंयका चोपड़ा एक बाद एक जिस प्रकार मिस वर्ल्डका खिताब भारत की झोली में गिर रहा था, उस वक़्त यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता था कि आखिर क्या वजह है कि करीब करीब 2 साल के अंतराल पर भारत से एक मिस वर्ल्ड चुनी जा रही है.
ऐसा क्या हुआ कि एकाएक भारत में सुंदरता की बाढ़ आ गई और पूरी दुनिया में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहां सबसे अधिक मिस वर्ल्ड लायक महिलाएं चुनी जा रही है.
दरअसल, इन सब की जिस समय शुरूआत हुई वह 90 का दशक था और उस समय पूरी दुनिया में ग्लोब्लाइजेशन के नाम बाजारवाद की शुरूआत हुई थी. जैसा की सभी जानते हैं कि भारत में पूरी दुनिया का सबसे बड़ा बाजार हैं. बाजार पर इस नियंत्रण के लिए ही ये सब कुछ हो रहा था.
आपने गौर किया होगा कि चुने जाने के बाद प्राय सभी मिस वर्ल्ड किसी न किसी मल्टीनेशनल कंपनी का प्रचार करती नजर आती थी. क्योंकि मार्केटिंग के जरिए ही बाजार पर कब्जा किया जाता है. वर्ष 2000 आते आते भारत का बाजार पूरी तरह से विदेशी मल्टीनेशनल कंपनियों से पट चुका था.
भारत में विस्तार की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी. इसलिए इन कंपनियों ने फिर नई उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की ओर रूख किया.
इनमें पहले दक्षिण पूर्व एशिया के देश और बाद में अफ्रीकी और कैरिबाई देशों का नंबर आया.
वहीं अब लोगों में भी जागरूकता आई हैं जिस कारण वे प्राडक्ट को मिस वर्ल्ड या सुपर स्टार के एड को देखकर खरीदने के बजाए उसकी क्वालिटी को देखकर खरीदते हैं. यही वजह है कि आजकल बाबा रामदेव भी अपनी कंपनी का एड खुद ही कर लेते हैं. उन्हें अपने पतंजलि ब्रांड का किसी मिस वर्ल्ड या सुपर हीरों से प्रचार कराने की जरूरत नहीं है.
भारत उम्मीद कर रहा था कि मिस वर्ल्ड का ताज इस बार फिर उसकी झोली में गिरेगा, लेकिन भारत की प्रियदर्शनी चटर्जी टॉप पांच में भी जगह नहीं बना पाईं.
लेकिन 16 साल बाद भी भारत का इंतजार खत्म नहीं हो सका.
प्यूर्टो रिको की स्टेफनी डेल वेले ने डोमिनिकन रिपब्लिक और इंडोनेशिया सहित विश्वभर की सुंदरियों को पीछे छोड़ते हुए विश्व सुंदरी 2016 का खिताब अपने नाम कर लिया है.
गौरतलब है कि भारत ने अंतिम बार यह प्रतियोगिता साल 2000 में जीता था.
उस समय प्रियंका चोपड़ा के सिर पर मिस वर्ल्ड का ताज सजा था. इसके पहले युक्ता मुखी (1999), डायना हेडेन (1997), एश्वर्या राय (1994) और रीता फारिया (1966) मिस वर्ल्ड रह चुकी हैं.
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