Categories: विशेष

5 भारतीय कैदी जिन्होंने तोड़ दी जेल की दीवारें

शोले से लेकर बदलापुर तक कितनी ही फिल्मों में, कैदी जेलर को चकमा देकर भाग जाते हैं.

कहा जाता है कि फ़िल्में समाज का आईना होती हैं और वहीँ दूसरी तरफ फिल्मों से काफी सारे आइडियाज भी मिल जाते हैं.

तो ऐसे ही कई भारतीय कैदी हैं देश में जो इन फिल्मों से प्रेरित होते हैं और अपने कारनामे कर जाते हैं.

तो आइये हम आपको ऐसे ही कैदियों से मिलाते हैं जिन्हें जेल की चारदीवारी ज्यादा दिनों तक कैद नहीं कर पायी.

1- फैजान और जावेद-

आपने काफी बार सुना होगा की तिहाड़ जेल भारत का हाई टेक जेल है. लेकिन इस हाई टेक जेल को पार करने में फैजान और जावेद को बिलकुल वक़्त नहीं लगा. इस जेल ब्रेक में सबसे नया नाम जुड़ा है फैजान और जावेद का. 28 जून 2015 को फैजान और जावेद तिहाड़ जेल के गेट नम्बर 7 से  दिवार फांदकर भाग गए. फैजान को तो पुलिस ने पकड़ लिया. पर जावेद भाग गया.

2- शेर सिंह राणा-

किसी प्रसिद्द व्यक्ति की हत्या करके आप उससे भी ज्यादा प्रसिद्द हो सकते हो. शेर सिंह राणा  ने भी यही किया. डाकू से नेता बनी फूलन देवी को 25 जुलाई 2001 को उन्ही के दिल्ली वाले आशियाने के सामने गोली मार दी. इसके बाद राणा तिहाड़ जेल में था. जी हां भारत का सबसे सुरक्षित हाई टेक जेल ब्लाह ब्लाह ब्लाह. राणा को तिहाड़ में बिलकुल मन नहीं लग रहा था. तो राणा और उसके भाई विक्रम ने तिहाड़ से भागने का प्लान बना लिया.

प्लान क्या था एक सुपरहिट फिल्म की स्क्रिप्ट थी. तो राणा और विक्रम ने अपने एक गांववाले संदीप ठाकुर को अपने इस स्क्रिप्ट में शामिल किया. संदीप ठाकुर, राणा से मिलने 4 बार जेल आया. तीन बार एक वकील प्रदीप कुमार बनकर और एक बार राणा का दोस्त रवि बनकर.इस बीच पुलिस को संदीप पर बिलकुल शक नहीं हुआ (हाँ हाँ हाई टेक तिहाड़ वाली पुलिस को). 17 फ़रवरी 2004 को संदीप ठाकुर एक बार फिर जेल में इंटर हुआ इस बार न वकील बनकर और ना ही दोस्त बनकर. इस बार ठाकुर दिल्ली आर्म्ड फ़ोर्स का पुलिस ऑफिसर बनकर आता है, राणा को हरिद्वार कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने के लिए. ठाकुर के पास नकली दस्तावेज होते हैं और पुलिस को बिलकुल भी शक नहीं होता.

तो राणा ना सिर्फ कथित  पुलिस अफसर के साथ तिहाड़ के मुख्य द्वार से बाहर आता है और ऑटो लेकर आईएसबीटी बस अड्डे की तरफ निकल गया. और इस तरह सबकी आँखों के सामने शेर सिंह राणा जेल से फरार हो गया.

3- चार्ल्स सोबराज-

फेमस बिकिनी किलर चार्ल्स सोबराज को कुछ और क्राइम करना था ताकि वो 2 साल और भारत के जेल में बिता पाए तो बस उसने जेल से भागने का प्लान किया ताकि वो और दो साल जेल में आराम करे.

अब आप जानना चाहेंगे की चार्ल्स सोबराज ऐसा क्यूँ करना चाहता था. तो भारतीय प्रत्यर्पण अधिनियम 1962 के तहत कोई अपराधी जब तक अपनी सजा पूरी नहीं कर लेता तब तक देश से निर्वासित नहीं किया जा सकता. चार्ल्स सोबराज की ठगी और क्राइम सिर्फ भारत ही नहीं साउथ एशिया में छाई रही है. दिल्ली से चार्ल्स को थाईलैंड ही जाना था. थाई कानून के हिसाब से अगर क्रिमिनल, क्राइम के 20 साल तक नहीं पकड़ा जाता तो उस केस को बंद कर दिया जाएगा.

अब तक सोबराज ने 18 साल थाई पुलिस को चकमा दे दिया था. तो दिल्ली में और दो साल बिताने के लिए तिहाड़ से अच्छी जगह क्या हो सकती है?

1986 में सोबराज ने डेविड हॉल के साथ मिलकर जेल वालों को अपने जन्मदिन की पार्टी दी. डेविड हॉल स्मगलिंग के आरोप में तिहाड़ में सजा काट चूका था. डेविड बहुत से फल, मिठाइयों के साथ जेल पहुंचा. सभी गार्ड्स ने वो फल, मिठाइयाँ खायी जिसमे नींद  की दवाई मिली हुई थी. कुछ देर बाद तिहाड़ जेल (वही सबसे हाई टेक जेल) के गेट नंबर 3 पर 6 गार्ड सो रहे थे और चार्ल्स सोबराज दिल्ली-राजस्थान हाईवे पर था.

2 हफ्ते बाद सोबराज को गोवा के एक रेस्तरां में पकड़ लिया गया और जैसा सोबराज चाहता था उसका जेल टर्म भारत में बढ़ गया.

4- नटवरलाल-

विदेशियों को ताज महल, लाल किला, क़ुतुब मीनार बेचना नटवरलाल के ठगी कैरियर की एक झलक भर है. नटवरलाल के कारनामे तो ऐसे हैं की एक वक़्त में 100 अलग-अलग केसेस में 8 राज्यों की पुलिस नटवरलाल को खोज रही थी. बिहार के मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव से नटवरलाल बने ठग को बचपन से ही ठगी का शौक था. और शौक-शौक में वकील भी बन गए.

भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के सामने नटवरलाल ने उन्ही के हस्ताक्षर हुबहू उतार दिए.

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने तब नटवरलाल को जॉब ऑफर की और कहा की वो ये काम छोड़ दें. नटवरलाल ने जवाब में कहा की मुझे एक मौका दीजिये तो न मैं सिर्फ “भारत सरकार पर बाकी देशों का कर्ज ख़त्म करा दूंगा बल्कि बाकियों को भारत का ऋणी बना दूंगा.”

84 साल की उम्र में नटवरलाल को जेल की हवा खानी पड़ी. नटवरलाल को जेल ज्यादा भय नहीं और उन्होंने भागने का प्लान बना लिया. जेल अथॉरिटी को बोला की उनकी तबियत ख़राब है. उनकी उम्र को देखते हुए बात सबको सच लगी. हद तब हो गयी जब कानपूर से डॉक्टर ने उन्हें एम्स दिल्ली रेफेर किया. दिल्ली स्टेशन में दो पुलिस कांस्टेबल ने एक सफाई वाले को नटवरलाल पर नज़र रखने को कहा और खुद व्हीलचेयर जमा करने गए. नटवरलाल ने सफाई वाले से चाय लाने को कहा और खुद आराम से स्टेशन से छू मंतर हो गया.

5- जगतार सिंह हवारा-

खालिस्तान आन्दोलन का एक प्रमुख कार्यकर्ता, पंजाब मुख्यमंत्री बेअंत  सिंह की हत्या का मुख्य स्कीमर जगतार सिंह हवारा को बुरैल जेल चंडीगढ़ में रखा गया. शुरुआत में हवारा ने कई कोशिशें की जेल से भागने की, सबसे पहले बुरैल जेल के बैरक नंबर 7 में 35 फीट गहरी टनल खोदी. पर किस्मत उसके साथ नहीं थी और हवारा का प्लान चौपट हो गया.

इसके बाद गुरुद्वारा बैरक में भी 2 बार हवारा ने ये कोशिश की पर हर बार मुह की खानी पड़ी. पर हवारा ने फिर भी हार नहीं मानी और 3 और कैदियों के साथ मिलकर कोशिश शुरू कर दी. तारा, देवी सिंह और परमजीत सिंह भेओरा के साथ मिलकर हवारा ने टनल खोदना जारी रखा. और इस आखिरी कोशिश में बुरैल में इन चारो लोगो ने मिलकर 8 फीट गहरा और 108  फीट लम्बा टनल खोदा. ये टनल 2 सिक्यूरिटी वाल को क्रॉस करते हुए जहाँ खुल रहा था.

21 जनवरी 2004 को देर रात हवारा अपने इन साथियों के साथ टनल से बहार निकला. बहरी दिवार जो की 12 फीट ऊंची थी उसे फाँदा और फरार हो गया.

ये थे वो 5 ऐसे कैदी जिन्होंने पुलिस के नाक में दम कर दिया. और “अंग्रेजों के ज़माने वाली पुलिस” भी इनका कुछ नहीं बिगड़ पायी.

Neha Gupta

Share
Published by
Neha Gupta

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago