2- शेर सिंह राणा-
किसी प्रसिद्द व्यक्ति की हत्या करके आप उससे भी ज्यादा प्रसिद्द हो सकते हो. शेर सिंह राणा ने भी यही किया. डाकू से नेता बनी फूलन देवी को 25 जुलाई 2001 को उन्ही के दिल्ली वाले आशियाने के सामने गोली मार दी. इसके बाद राणा तिहाड़ जेल में था. जी हां भारत का सबसे सुरक्षित हाई टेक जेल ब्लाह ब्लाह ब्लाह. राणा को तिहाड़ में बिलकुल मन नहीं लग रहा था. तो राणा और उसके भाई विक्रम ने तिहाड़ से भागने का प्लान बना लिया.
प्लान क्या था एक सुपरहिट फिल्म की स्क्रिप्ट थी. तो राणा और विक्रम ने अपने एक गांववाले संदीप ठाकुर को अपने इस स्क्रिप्ट में शामिल किया. संदीप ठाकुर, राणा से मिलने 4 बार जेल आया. तीन बार एक वकील प्रदीप कुमार बनकर और एक बार राणा का दोस्त रवि बनकर.इस बीच पुलिस को संदीप पर बिलकुल शक नहीं हुआ (हाँ हाँ हाई टेक तिहाड़ वाली पुलिस को). 17 फ़रवरी 2004 को संदीप ठाकुर एक बार फिर जेल में इंटर हुआ इस बार न वकील बनकर और ना ही दोस्त बनकर. इस बार ठाकुर दिल्ली आर्म्ड फ़ोर्स का पुलिस ऑफिसर बनकर आता है, राणा को हरिद्वार कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने के लिए. ठाकुर के पास नकली दस्तावेज होते हैं और पुलिस को बिलकुल भी शक नहीं होता.
तो राणा ना सिर्फ कथित पुलिस अफसर के साथ तिहाड़ के मुख्य द्वार से बाहर आता है और ऑटो लेकर आईएसबीटी बस अड्डे की तरफ निकल गया. और इस तरह सबकी आँखों के सामने शेर सिंह राणा जेल से फरार हो गया.