भारत के 5 अद्भुत पर्यटन स्थल जिनके बारे में आपने कभी सुना नहीं है

कश्मीर, शिमला, दिल्ली, बम्बई, जयपुर, ऊटी

हर बार बस यही सब जगह या इनके जैसी ही प्रसिद्ध जगह के नाम सुनते है पर्यटन स्थल के रूप में.

अगर आपने अन्दर एक रोमांच प्रेमी है जो हर बार देखना चाहता है एक नयी दुनिया. तो आपको बताते है देश के कुछ ऐसे हिस्से जो है बहुत से पर्यटकों की भीड़ भाड़ से दूर, अनदेखे और अनछुए.

चुरू (राजस्थान)

राजस्थान एक बहुत प्रसिद्ध राज्य है देश और विदेश के पर्यटकों  को रिझाने वाला. अधिकतर पर्यटक यहाँ जयपुर, उदयपुर, जोधपुर और जैसलमेर आते है घुमने के लिए. इन सब प्रसिद्ध जगहों के अलावा भी राजस्थान में कुछ ऐसे शहर है जिनमें बहुत कुछ है देखने को. ऐसा ही एक छोटा सा शहर है राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में बसा चुरू.

चुरू प्रसिद्ध है गर्मी और सर्दी के लिए.

यहाँ गर्मियों में तापमान 50 डिग्री और सर्दियों में -5 डिग्री तक पहुँच जाता है. ये तो हुयी मौसम की बात.

जो बात चुरू को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनती है वो है यहाँ की खूबसूरत हवेलियाँ. इस शहर और इसके आस पास के इलाके को देश की ओपन आर्ट गैलरी कहा जाता है.

बस निकल जाइये किसी गली में और देखते रहिये पुरानी हवेलियों और उन पर बनी कलाकृतियों को. इसके अलावा इस शहर में विश्व प्रसिद्ध काले हिरनों का अभ्यारण्य भी है.

धनुषकोटि (तमिलनाडु )

श्रीलंका से मात्र 18 किलोमीटर पहले है तमिलनाडु का ये छोटा सा गाँव. भारत के बॉर्डर पर स्थित गाँव में आपको मिलेंगे शांत खूबसूरत बीच, पुरानी इमारतें और रामायण के ज़माने के कहे जाने वाले राम सेतु के अवशेष.

इस खूबूसरत गाँव ने बहुत सी त्रासदियां भी झेली है. 1964 का चक्रवाती तूफ़ान जिसमे पूरी ट्रेन बह गयी थी. जिस स्टेशन के अवशेष आज भी उस दुर्घटना की कहानी कहते है.

इस गाँव में सडक के एक और बंगाल की खाड़ी तो दूसरी और अरब सागर है. प्राकृतिक छटा से भरपूर ये गाँव खाली खाली सा ही रहता है, एक अजीब से सन्नाटे की गोद में. इसीलिए इसे घोस्ट टाउन भी कहते है.

लेप्चागत (पश्चिम बंगाल)

दार्जीलिंग से करीब 18 किलोमीटर दूर और विश्व के सबसे ऊँचे रेलवे स्टेशन घूम से करीब 8 किलोमीटर है ये जगह.

दैविक शांति और खुबसूरत नज़रों से भरपूर. दार्जीलिंग जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के इतना पास होकर भी ये लगभग अनछुआ स्थान है.

अधिकतर पर्यटक दार्जीलिंग से सिक्किम या नेपाल का रुख कर लेते है और नैसर्गिक सौन्दर्य से भरपूर इस छोटे से गाँव को बिना देखे ही चले जाते है.

अगर आपको शांति की तलाश है या फिर बिताने है कुछ दिन अपने किसी खास के साथ तो इस से बेहतर जगह शायद ही कोई होगी. इस बार पश्चिम बंगाल में घुमने का कार्यक्रम बनाये तो लेप्चाग्त जाना ना भूले.

एक बार वहां जाकर देखिये और खो जाइये प्रकृति के सुंदरतम रूप में .

पातालकोट घाटी (मध्यप्रदेश)

मध्यप्रदेश के छिंदवाडा ज़िले से करीब 80 किलोमीटर है पातालकोट घाटी. इस स्थान के लिए कहा जाता है कि यहाँ अब तक नयी सभ्यता पूर्ण रूप से नहीं पहुंची.

इस जगह का नाम पातालकोट पड़ने के पीछे भी एक कारण है. धरती के नीचे के लोक को हिन्दू मान्यता में पातळ लोक कहा जाता है, माना  जाता है की ये घाटी पाताल का द्वार है.

इसका कारण ये है की ये घाटी सामान्य स्तर से बहुत नीचे है. इस स्थान का पता कुछ वर्षों पहले ही लगाया गया. यहाँ सभ्यता अभी भी पूरी तरह विकसित नहीं हुई है.


यहाँ के बाशिंदे आदिवासी है और आज भी उन्ही रीति रिवाजों और रहन सहन के हिसाब से जीते है. घुमने के लिए ये एक बहुत ही बेहतरीन जगह है, खासकर के मानसून के मौसम में.

इस मौसम में ये घाटी पूरी तरह बादलों में छुपी रहती है. यहाँ का वातावरण भी बहुत ही शांत है. नए ज़माने की आपाधापी यहाँ अभी तक पूरी तरह नहीं पहुंची है. अगर एक नयी दुनिया, नयी संस्कृति से दो चार होना हो तो इस से बेहतर स्थान नहीं है किसी घुमक्कड़ के लिए.

माजुली (असम)

दुनिया के सबसे बड़े ताज़ा पानी के द्वीप में से एक. सुनकर आश्चर्य हुआ न. असम में द्वीप, जहाँ कोई समुद्र नहीं. अद्भुत आश्चर्यजनक परंतु सत्य. जोरहाट शहर से 20 किलोमीटर दूर ब्रह्मपुत्र नदी का द्वीप है माजुली.

असम की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले इस स्थान में साल भर कोई ना कोई उत्सव चलता रहता है.

देर मत कीजिये जल्दी ही अनुभव करने चले जाइए प्रकृति के इस अद्भुत रूप का, क्योंकि साल दर साल ब्रह्मपुत्र का जलस्तर बढ़ने  से ये छोटा सा टापू धीरे धीरे नदी में समा रहा है .

यहाँ के अधिकतर लोग खोयी हुई आदिवासी जातियों के है जो बहुत पहले अरुणाचल प्रदेश से पलायन करके आ गए थे. यहाँ सन्यासियों द्वारा बसाये गए कई मठ है, जिनमे से कुछ वक्त और प्रकृति की मार से बच  नहीं पाए और कुछ आज भी ज्यों के त्यों है.

माजुली आने का सबसे अच्छा समय फरवरी है जब यहाँ पांच दिन का उत्सव चलता है.

भारत के 5 अद्भुत पर्यटन स्थल जिनके बारे में आपने कभी सुना नहीं है.

तो फिर देर किस बात की जगाइए अपने अंदर के घुम्मकड की आत्मा को और निकल पड़िये इन स्थानों के सफर पर जहाँ पहुच कर आप देखेंगे एक निराली दुनिया.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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