ग्लोबल फूड इंडेक्स – किसी भी देश के लोगों के लिए खाना, रहने के लिए जगह और पहने के लिए कपङे आवश्यक चीजें मानी जाती है।
इनमें भी खाना सबसे ज्यादा जरूरी है। क्योंकि बिना भोजन के किसी भी इंसान के लिए जिंदा रहना नामुनकिन है। भारत जैसा विकासशील देश जिसके लिए हम ये कहते हैं कि आने वाले वक्त में भारत मे बुलेट ट्रेन होगी। भारत भी जापान की रफ्तार पकङेगा। इंडस्ट्रियल कंपनियों में नौकरियों के अवसर बढेगे । लेकिन जब देश में छोटे – छोटे बच्चे जिन्हें बुलेट ट्रेन या नौकरी से पहले प्रयाप्त भोजन की जरुरत है। क्या उन्हें वो प्राप्त हो रहा है। हर साल हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं। और हजारों बच्चों की जिंदगी भुखमरी के कारण खत्म हो जाती है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार भारत इस साल 100वें पायदान पर पहुंच गया है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले तीन सालों में भारत ग्लोबल फूड इंडेक्स में 45 पायदान नीचे गिर गया है ।
आकङे चौकाने वाले हैं लेकिन कहते हैं हकीकत कङवी होती है। भारत के मुकाबले श्री लंका , नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पङोसी देशों की हालात भी कही ज्यादा अच्छी है, जो आर्थिक दृष्टि से भारत के मुकाबले गरीब माने जाते हैं। इसका एक कारण यह है कि नेपाल, बांग्लादेश जैसे देश भी पहली प्राथमिकता अपने देश के लोगो के लिए भरपेट भोजन को देते हैं।
ग्लोबल फूड इंडेक्स रिसर्च इंस्टीटयूट ने अपने आकङो जारी करते हुए कहा कि ” 119 देशों की लिस्ट में भारत 100वें पायदान पर पहुंच गया है। और पूरे एशिया में केवल पाकिस्तान और आफगानिस्तान से पीछे है। भारत 31.7 अंक के साथ 2017 में बहुत गंभीर हालात के साथ ऊँचाई पर पहुंच गया है। ”
भारत जैसे विकासशील देश के इन आकङो को देखकर किसी को भी हैरानी होगी ।
लेकिन ये भी सच है कि इतना सालों में राजनीतिक पार्टियों ने धार्मिक मुद्दों से लेकर युवाओं की शिक्षा और नौकरी के मुद्दे तक को चुनावों के दौरान उठाया । लेकिन सबसे जरूरी चीज भोजन को ही अनदेखा कर दिया। हालांकि इन आकङो का आना भी एक तरह से लाजमी ही था। क्योंकि पिछले कुछ सालों के आकङे देखें जाए तो भारत में हजारों किसानों ने आत्महत्या की है। जब देश के अनदाता ही आत्महत्या कर रहे हैं। तो फिर भुखमरी का होना तो लाजमी है ।
आकङो के आने के बाद राजनीति भी जमकर हो रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भुखमरी पर ट्वीट करते हुए लिखा – ” भुख है तो सब्र करो, आजकल रोटी नहीं तो क्या हुआ, आजकल दिल्ली में है जेरे बहस ये मुद्दा .”
इस पर बीजेपी ने भी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा दिया।
लेकिन जन के पेट को कब तक मारेगी राजनीति इस सवाल का जवाब तो वक्त ही बताएगा। लेकिन देश की इस हालत को देखकर ख्याल आता है। – देश की सियासत ने लूटा इस कदर कि आजकल बस सपने देखकर ही पेट भरा करती है अवाम, रोटी के लिए तरसती जाने और नेता जी कहते हैं कि बुलेट ट्रेन में बैठेगी जनता।”