एक खिलाड़ी के लिए उसका देश, टीम और उसके परिवार व ईगो से बढ़कर कुछ नहीं होता।
जब इस पर कोई तंज कस दे तो बिना विवाद के वो पल खाली जाए यह मुमकिन नहीं।
आईसीसी ने भले ही नियम निकाल दिया हो कि अब क्रिकेट में स्लेजिंग, क्रिकेट की तकरारें, नहीं सही जाएगी, लेकिन वैसे भी वो खेल ही क्या जिसमें विपक्षी टीमों के खिलाडि़यों के बीच कोई विवाद न हो?
विशेषतौर पर क्रिकेट जिसे ‘गेम ऑफ जेंटलमैन’ कहा जाता है, उसमें खिलाडि़यों के बीच आपसी क्रिकेट की तकरारें मचा देती है ।
शायद इस बात से कम ही लोग सहमत हो, लेकिन खिलाडि़यों के बीच विवाद होना एक नया जोश उत्पन्न करने के बराबर भी होता है। विशेष तौर पर दर्शकों के लिए मैच में इससे बड़ा मनोरंजन और कुछ नहीं होता। मैदान के अंदर खिलाडि़यों के बीच तकरार होती है तो उससे लेकर दर्शक, कमेंटेटर, मीडिया और खेल के पंडित सब इस कड़ी से खुद को जोड़ लेते हैं।
1971 में इंग्लैंड के कप्तान माइक बियरले को कहना पड़ा था कि इयान चैपल की टीम झगड़ालु है। ऐसा इसीलिए क्योंकि चैपल की ब्रिगेड आक्रामक रूख अपनाकर बल्लेबाज को अपशब्द कहकर उकसाती थी और उसका मैदान में खड़ा रहना मुश्किल कर देती थी। पहले सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई टीम को ही आक्रामक टीम माना जाता था, लेकिन समय के साथ-साथ क्रिकेट का विकास हुआ और साथ ही तकरारों का सिलसिला दूसरी टीमों ने भी अपना लिया।
हम आपको भारतीय टीम की उन तकरारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो क्रिकेट तकरारें विश्व मीडिया पर छा गए।
अब नहीं होगी स्लेजिंग
2015 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही रोहित शर्मा और डेविड वॉर्नर उलझ गए। दोनों के बीच तीखी बहस हुई। दरअसल, रोहित शर्मा अपने सुप्रीम फॉर्म में नहीं थे और वॉर्नर लगातार उन पर अपशब्द बरसा रहे थे। दोनों के बीच अपशब्दों का हमला बढ़ता देख अंपायरों ने दोनों को अलग हटाया। इसके बाद वॉर्नर पर स्लेजिंग करने के लिए भारी जुर्माना ठोंका गया।
अफरीदी अब रन रोका तो तेरी…
2007 में पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई थी। 11 नवंबर 2007 को कानपुर में सीरीज के तीसरे मैच के दौरान शाहिद अफरीदी और गौतम गंभीर के बीच तीखी बहस हुई। दरअसल, अफरीदी ने गंभीर का रास्ता रोक लिया। गंभीर दूसरे रन के लिए दौड़ने वाले थे, लेकिन अफरीदी ने उन्हें जाने नहीं दिया। इस पर दोनों ने एक-दूसरे को जमकर कोसा और साथ ही अभद्र टिप्पणियां भी की। बाद में अंपायरों ने दोनों को दूर किया। यह हादसा दोनों ही देशों के लोगों के दिलों में आज भी गर्मजोशी के साथ जिंदा है।
मंकीगेट विवाद
2008 सिडनी टेस्ट कौन भूल सकता है। आधुनिक क्रिकेट के सबसे बड़े विवादों में से एक। हरभजन सिंह और ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स के बीच विवाद हुआ। भारतीय ऑफस्पिनर ने साइमंड्स को अभद्र टिप्पणी की जिसके बाद यह मामला कोर्ट में चले गया। दरअसल, भज्जी ने साइमंड्स को हिंदी में गाली दी थी, जिसे साइमंड्स अंग्रेजी में बंदर समझ बैठे। बाद में हरभजन को कोर्ट से राहत मिल गई।
तू कुछ नहीं कर सकता अकमल…
भारत के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा और पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल के बीच 2012 में एक टी-20 मैच में विवाद हो गया। इसकी वजह यह थी कि कामरान अकमल को अंपायर ने एक बार नॉटआउट दे दिया क्योंकि ईशांत ने नॉ बॉल फेंकी थी। अगली ही गेंद पर अकमल बीट हो गए। यही दोनों के बीच अपशब्दों का खेल शुरू हो गया। ईशांत ने तो कामरान अकमल को उंगली दिखाकर कुछ चेतावनी भी दे डाली। बाद में अंपायरों और खिलाडि़यों ने दोनों को दूर किया।
पवैलियन में आराम करो पोंटिंग
शारजाह के मुकाबलों में जहां सचिन की शतकीय पारियां आज भी लोगों के दिलों में ताजा है। उसी टूर्नामेंट में 19 साल का युवा ऑफस्पिनर ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग से अड़ लिया। असल में पोंटिंग ने भज्जी की गेंदों की जमकर धुनाई की। बाद में हरभजन ने उन्हें स्टंपिंग करा दिया। हरभजन ने पोंटिंग को पवैलियन लौटने का इशारा कर दिया। इसी बात पर पोंटिंग उन्हें कुछ कहते हुए गुजर गए।
मैं बंदर हूं या…
1992 विश्व कप का यह हादसा आज भी आप देखकर जरूर हंस देंगे। मैच रोमांचक हो गया था। दोनों ही टीमों के पास इसे जीतने का सुनहरा अवसर था। जावेद मियांदाद स्ट्राइक पर थे तभी उन्हें किरन मोरे ने पीछे से कुछ कहा। मियांदाद ने सचिन को गेंद करने से रोका और मोरे से उलझ गए। कुछ ही देर बाद मोरे ने मियांदाद के कैच की अपील की। यह पाकिस्तान के बल्लेबाज से सहा नहीं गया। ओवर खत्म होने के बाद मियांदाद ने पवैलियन की ओर रुख किया और मोरे की तरह छलांग लगाना शुरू कर दी। इस वाकये पर हंसने के अलावा किसी के पास कोई विकल्प नहीं बचा।
देख ले किसकी कोहनी भारी….
भारतीय टीम के मैच विजेता बल्लेबाज युवराज सिंह और उमर गुल 2008 में एक मैच के दौरान भिड़ गए। दोनों ने पहले एक-दूसरे पर शब्दों के बाण चलाए और जब स्थिति ज्यादा बिगड़ गई तो कोहनी चलाना शुरू कर दी। युवराज ने उमर गुल की गेंद पर चौका जमाया था, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ। बाद में अंपायरों ने दोनों के बीच सुलह कराई।
घूर क्या रहा है, चल गेंद डाल चल…
2011 विश्व कप का पहला मुकाबला। आक्रामक विराट कोहली और रुबेल हुसैन के बीच की झड़प ने टूर्नामेंट का स्तर स्थापित कर दिया। रुबेल हुसैन ने गेंद डाली जिस पर कोहली ने डिफेंस कर दिया। गेंद हाथ में लेते ही हुसैन ने विराट को घूरकर देखा। विराट भी जोश से भरे हुए थे, जैसे ही उन्होंने देखा तो तपाक से कहा- घूर क्या रहा है, चल गेंद डाल गेंद ****। इस मैच को भी भारत ने जीता और बाद में विश्व कप की ट्रॉफी पर भी कब्जा किया।
और बोल अब क्या बोलेगा…
युवराज सिंह ने 2007 टी-20 विश्व कप में एक ओवर में छह छक्के मारने का रिकॉर्ड बनाया। मगर इस रिकॉर्ड के असली हकदार इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटऑफ थे। दरअसल, एंड्रयू फ्लिंटऑफ ने युवराज सिंह को कुछ ताना मारा। दोनों के बीच जोरदार बहस हुई। युवराज तो बल्ला मारने के इरादे से फ्लिंटऑफ की तरफ चल पड़े, लेकिन धोनी ने उन्हें शांत कर दिया। इसके बाद की कहानी सभी को पता है। युवराज ने कारनामा रच दिया। मुजरिम बने ब्रॉड जिनकी छह गेंदों पर छक्के पड़े। कभी झगड़े भी क्रिकेट के लिए अच्छे हैं।
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