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जानिए ये गाय क्यों है बाबा रामदेव की पहली पसंद !

स्वदेशी की बात करने वाले बाबा रामदेव अब गायों के स्वदेशीकरण की बात कर रहे हैं.

बाबा रामदेव चाहते हैं कि देश में विदेशी नस्ल की गायों जर्सी-हॉलिस्टीयन के स्थान पर भारतीय नस्ल की गायों को बढ़ावा दिया जाए.

दरअसल, जब से बाबा रामदेव को यह पता चला है कि भारतीय नस्ल की गायें दुनिया में सबसे ज्यादा दूध देती है और उनका दूध विदेशी नस्ल की गायों से ज्यादा लाभदायक है तबसे बाबा भारतीय नस्ल की गायों का गुणगान कर रहे हैं. आप भी देखिए भारतीय नस्ल की गायें जिन्हें बाबा रामदेव पालना चाहते हैं.

1 – गिर नस्ल की यह गाय विश्व में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गायों में से एक है. भारतीय नस्ल की यह गाय गुजरात के गिर में पाई जाती है. गिर नस्ल की गाय की विशेषताओं के कारण अब भारत में इसकी मांग दिन ब दिन जोर पकड़ती जा रही है.

2 – बाबा रामदेव पतंजलि में भारतीय देशी नस्ल संवर्धन का कार्यक्रम चला रहे हैं. इसके लिए वे बा्रजील से स्वदेशी नस्ल के सांडों का सीमन मंगवाकर अपने यहां कत्रिम गर्भाधान के जरिए देश में 60 से 70 लीटर तक दूध देने वाली गायों को तैयार करने की योजना पर कार्य कर रहें हैं.

3 – आपको शायद मालूम नहीं होगा कि ब्राजील आज से कई वर्ष पहले भारत से गिर, थारपारकर और काकरेंच नस्ल की गायों और सांडों को अपने यहां ले गया था. जहा उसने उनका संवर्धन कर उनकी दुग्ध उत्पादक क्षमता को काफी बढ़ा दिया है.

4 – ये काकरेंच नस्ल की गाय है जो गिर के बाद सबसे ज्यादा दूध देती है. यह नस्ल राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाई जाती है.

5 – साहीवाल भी दूध में मामले में बेहतर नस्ल है. पंजाब और हरियाणा में ये देसी नस्ल की गाय पाई जाती है. जो 15 से 30 लीटर दूध देती है. पतंनजलि की योजना है कि इस नस्ल की गाय संवर्धन कर देश में दुग्ध उत्पादकता बढाई जाए.

6 – भारतीय नस्ल गाय में एक सूर्यकेतु नाड़ी होती है. यह सूर्य की किरणों से निकलने वाली ऊर्जा को सोखती रहती है, जिससे गाय के शरीर में स्वर्ण उत्पन्न होता रहता है. जो शरीर के लिए काफी शक्तिदायक और आसानी से पचने वाला होता है. इसलिए गाय का दूध भी हल्का पीला रंग लिए होता है.

दरअसल, बाबा रामदेव को जब से यह पता चला है कि भारत में अब लोग जर्सी-हॉलिस्टीयन नस्ल की गायों के दूध के स्थान पर भारतीय नस्ल की गायों का दूध पीना पसंद कर रहे हैं तो उन्होंने भी इसको समझकर इसे बढ़ावा देने का निश्चय किया है.

ये है भारतीय नस्ल की गायें जिनको बढ़ने की बात बाबा कर रहे है – क्योंकि जब से यह बात सामने आई हैं कि जर्सी-हॉलिस्टीयन नस्ल की गायों के दूध के सेवन से घुटनो का दर्द और शुगर आदि बीमारी होने की संभावना होती हैं उसके बाद भारत सहित कई देशों के बहुत से लोगों ने भारतीय नस्ल की गायों का दूध पीना शुरू कर दिया हैं.

Vivek Tyagi

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