विशेष

भारत के पास हैं यह 10 खास लडाकू विमान – युद्ध हुआ तो दुनिया देखकर हो जाएगी हैरान !

भारत के लडाकू विमान – भारतीय वायु सेना दिन रात अपने बेड़े की ताकत बढ़ाने में लगी हुई है.

इसके लिए वो अपने बेड़े मे एक से एक ताकतवर लड़ाकू विमानों को शामिल कर रही है.

युद्ध के क्षेत्र में यदि भारतीय वायु सेना का दुश्मन की वायु सेना से मुकाबला हुआ तो ये भारत के लडाकू विमान है जो पलक झपकते ही कुछ ही मिनटों में युद्ध की तस्वीर ही बदल कर रख देंगें.

भारत के लडाकू विमान –

1  –  सुखोई भारतीय वायुसेना का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान है. यह विमान सीधे निशाने पर वार करता है. भारतीय वायु सेना के बेड़े में इस समय करीब 146 सुखोई विमान तैनात हैं. जबकि करीब 128 सुखोई विमान जल्द ही आने वाले हैं. यह विमान टाईटेनियम धातु का बना होता है और इसमें पायलट रडार के माध्यम से पहले से लक्ष्य का निर्धारित कर सकता है.

2  –  तेजस भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है. हिंदुस्तान ऐरानाटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने लाइट कॉम्बैट विमान तेजस का तैयार किया है. यह चैथी पीढ़ी का विमान है, जो हल्का होने के साथ अपनी रफ्तार से दुश्मन को चकमा देने में माहिर है.

३  –  मिग-29 विमान सुखोई के बाद सबसे शक्तिशाली माना जाता है. वायु सेना में इसको बाज के नाम से भी जाना जाता है. वायुसेना नेे कई मिग-29 विमानों को अपग्रेड भी किया गया है. जिसके बाद बिना अतिरिक्त टैंक के यह विमान 1500किलोमीटर के बजाए अब 2100 किलोमीटर तक जाकर मार कर सकता है.

4  –  मिराज इस विमान को वज्र नाम दिया गया. यह वायु सेना का प्राइमरी फाइटर प्लेन है. यह विमान दुश्मन के इलाके में लेजर गाइडेड बम से भी हमला करने में सक्षम है. इस समय भारतीय सेना के पास 51 मिराज विमान हैं.

5  –  भारतीय वायुसेना में जैगुवार विमान को शमशेर नाम से जाना जाता है.  यह दुश्मन के इलाके अंदर घुसकर कहीं पर भी हमला करने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत में इस समय कुल 139 जैगुवार हैं.

6  –  यह टोही विमान है, जो एक क्षण में दुश्मन जहाज के बारे में बता देते हैं. इस विमान में हाई फ्रीक्वेंसी वाले रडार लगे होते हैं. भारत के पास फिलहाल 3 टोही विमान हैं.

7  –  ग्लोबमास्टर भारतीय वायु सेना का वो विमान है जो युद्ध के समय भारतीय थल सेना को अग्रिम पंक्ति पर रसद पहुंचाने का काम करता है. ये विमान गोला बारूद्ध से लेकर टैंक तक उतारने में माहिर है.

8  –  यह मध्यम दर्जे का ट्रांसपोर्ट विमान है. जब कभी दुश्मन के इलाके सैनिकों को पैराशूट से उतारना होता है तो इस विमान का प्रयोग किया जाता है. बम गिराने के लिये भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

9  –  इस विमान का इस्तेमाल अन्य विमानों में ईंधन भरने के लिए किया जाता है. इससे सीधे उड़ते विमान में ईंधन भरा जा सकता है. इस कारण युद्ध के समय लड़ाकू विमान को दोबारा हमला करने के लिए जमीन पर नहीं उतरना पड़ता.

10  –  इस एयरक्राफ्ट्र में भारतीय थल, जल अथवा वायुसेना के सैनिकों को मौके पर शस्त्रों के साथ भेजने का काम किया जाता है. इसका आकार काफी बड़ा होता है और इसमें पूरी की पूरी बटालियन आ जाती है. इसलिये इसका नाम गजराज रखा गया. तमाम मिलिटरी उपकरणों को इस विमान में रखकर भेजने का काम किया जाता है.

ये है भारत के लडाकू विमान – लड़ाकू विमान के साथ साथ आपको ये जानकारी देदे कि भारत के पास दुनिया के बेहतरीन फाइटर पायलट भी हैं. ये जाबाज पायलट जब भारत के लड़ाकू विमानों पर उड़ान भरते हैं तो आकाश में भारतीय वायु सेना की ताकत कई गुणा बढ़ जाती है.

Vivek Tyagi

Share
Published by
Vivek Tyagi

Recent Posts

क्या मरने के बाद जब आत्मा स्वर्ग या नरक जाती है तो वह पल हमें याद रहते हैं?

सवाल बेहद पेचीदा है इस सवाल का जवाब वैज्ञानिक रूप से तो व्यक्ति को तभी…

5 years ago

कोरोना वायरस: क्या है कोरोना, कैसे फैलता है यह और कैसे कोरोना वायरस से बचना है, सब कुछ है इस एक आर्टिकल में

दुनिया भर के देश इस समय कोरोना वायरस के चलते दहशत में हैं. कोरोनावायरस से…

5 years ago

दिल्ली में दंगे हुए तो यह धर्म पूरी तरह से हो जायेगा खत्म, नहीं रहेगा इसका इतिहास में भी नाम

दिल्ली के अंदर कई सालों के बाद इस तरीके के दंगे भड़के कि जिनके अंदर…

5 years ago

दिल्ली हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन आप के नेताओं से क्या बात कर रहा था, हकीकत आपको हैरान कर देगी

दिल्ली में हुए दंगों के अंदर जिस तरीके से आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर…

5 years ago

फांसी से पहले निर्भया के दोषियों ने खाने में क्या माँगा है जरूर पढ़िए

निर्भया केस में फंसे हुए तीनों अपराधियों की फांसी 3 मार्च को सुबह-सुबह हो सकती…

5 years ago

निर्भया केस: पवन जल्लाद दोषियों को फांसी देने जेल आया, कल इतने बजे का समय हुआ पक्का 

निर्भया केस में दोषियों को फांसी देना अब 3 मार्च को पक्का नजर आ रहा…

5 years ago