आश्विन ने दूसरी पारी में भी कमाल दिखाया और 7 विकेट चटकाए. मतलब दोनों परियों में कुल 12.
सोचने वाली बात ये है कि आखिर क्या मतलब है ऐसे पिच बनाने का?
ये कोई नयी बात नहीं है जब घरेलु टीम अपनी सुविधा अनुसार पिच बनवाती है. लेकिन ऐसा पिच बनाने का क्या मतलब जिसमे क्रिकेट की आत्मा ही मर जाए. ऐसा मैच कौन देखना चाहेगा जो तीन दिन में पूरा हो जाए.
जो आये उसे विकेट मिले, कोई बल्लेबाज़ कुछ भी ना कर सके.