कहानी अभी खत्म नहीं हुई थी
310 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी अफ़्रीकी टीम फिर से भारतीय गेंदबाजी में फंस गयी और आखिरी कुछ समय में भी 2 विकेट गँवा कर मुसीबत में आ गयी.
दुसरे दिन में दोनों टीमों के मिलकर 20 विकेट गिरे.
अचानक भारतीय गेंदबाजों की मेहनत नहीं इसे पिच का करामत कहा जाने लगा. वैसे इस बात में भी कहीं ना कहीं थोड़ी सच्चाई तो थी.
अश्विन अच्छे गेंदबाज है लेकिन जब ऐसा हो कि जो भी हाथ में गेंद थामे विकेट ले जाए तो दाल में कुछ काला लगता है.
मैदान के बाहर पिच को लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों में सुबुगाहट होने लग गयी. तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीका 185 रन बनाकर आउट हो गयी और 9 साल में पहली बार कोई टेस्ट सिरीज़ हारी. भारत की ये घर में खेले गए पिछले 9 टेस्ट मैच में 8वीं जीत थी.