न्यूजीलैंड और भारत – 26/11 यानि 26 नवंबर, यह तारीख कोई भी भारतीय नहीं भूल सकता क्योंकि इस दिन आतंकवादियों ने मुंबई में घुस कर कई दिनों तक पूरे देश में दहशत फैलाई थी.
यह तारीख सुनकर आपको मुंबई पर हुए ताज होटल के आतंकवादी हमले की मनहूस वारदात याद आती होगी. मुंबई में हुआ वो हमला इतना दिल दहलाने वाला था कि इस तारीख का जिक्र लोगों को सिहरन से भर देता है.
इस हमले में आतंकवादियों ने होटल ताज में घुसकर सैकड़ों मासूमों की जान ली थी. बच्चे, बूढे, जवान, औरतेंकिसी को भी आतंकवादियों ने नही छोड़ा था.आज तक भारत के लोग उस हादसे से नहीं उभर पाए हैं.
वो काली रातें कोई भी व्यक्ति भुलाए नही भूल सकता. उस हादसे के पीडित लोगों के परिवार आजतक संभल नही पाए हैं और शायद ही इस घटना को वो अपने ज़हन से मिटा पाएंगे.
लेकिन आज हम अपको इसी तारीख यानि 26/11 को हुए एक और हादसे के बारे में बताने जा रहे हैं.
आपको बता देंकि यह तारीख भारत के लिए एक मनहूस तारीख है.
जी हाँ, दरअसल इस तारीख का मंजर शुरू हुआ था साल 1995 में, जिस समय नागपुर में न्यूजीलैंड की टीम अपने भारत दौरे का मैच खेलने आई थी.
यह बात है नागपुर विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन ग्राउंड की. न्यूजीलैंड और भारत के बीच उस समय वन डे सीरीज़ का मैच चल रहा था जिसमें से 4 मैच खेले जा चुके थे और यह आखिरी मैच था.
इससे पहले भारत 4 मैच में से 2 मैच जीत चुका था और न्यूजीलैंड के खाते में 1 मैच था. यदि भारत ये मैच जीत जाता तो भारतीय क्रिकेट टीम ये सीरीज़ 3-1 से जीत जाती. उन दिनों वन डे सीरीज़ का अलग ही क्रेज़ हुआ करता था और इस मैच को लेकर बैटिंग भी जोरों पर थी. मैच की शुरूआत से ही पूरा स्टेडियम भरा हुआ था.
भारत ने टॉस जीत फिल्डिंग करने का फैसला किया. अज़हर का यह फैसला गलत साबित हुआ क्योंकि न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी में जबरदस्त बैटिंग की. 50 ओवर में 348 रन बना कर न्यूजीलैंड ने भारत के लिए एक बड़ा पहाड़ खड़ा कर दिया था.
न्यूजीलैंड और भारत के मैच की फर्स्ट ईनिंग के खत्म होते-होते यह साफ जाहिर हो चुका था कि यह मैच न्यूजीलैंड की झोली में जा चुका है. पहली ईनिंग की समाप्ति के बाद लंच ब्रेक हुआ ही था कि तभी ईस्ट स्टैंड की एक दीवार गिर गई जिसके कारण 9 लोगों की मौत हो गई और 70 लोग घायल पाए गए. लेकिन जो इसके बाद हुआ वो शायद जिंदगी भर इंसानियत के नाम पर कलंक बना रहेगा.
9 लोगों की मौत के बाद भी न्यूजीलैंड और भारत का मैच को रोका नहीं गया. खिलाडियों को इस बात की भनक तक नहीं होने दी गई थी. स्टेडियम के बोर्ड ने सोचा कि अगर मैच को रद्द कर दिया गया तो पब्लिक गुस्से में तोड़ फोड़ पर उतर आएगी इसलिए काफी देर विचार विमर्श के बाद मैच को कंटिन्यू करने का फैसला लिया गया.
इस न्यूजीलैंड और भारत मैच के दौरान सचिन और जडेजा दोनों का ही संघर्ष बेकार रहा, सीरीज़ 2-2 से बराबर रही और भारत ये मैच हार गया लेकिन उस दिन ये भारत समेत पूरी इंसानियत की हार थी.
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