ट्वेंटी-20 विश्व कप का भारत-बांग्लादेश का मुकाबला जिस रोमाचंक स्थिति में खत्म हुआ था वह आने वाले कई सालों तक याद किया जाएगा.
सबसे पहले यहाँ अगर बांग्लादेश टीम की तारीफ़ की जाए तो यब गलत नहीं रहेगा.
यह टीम जिस हिसाब से खेलने लगी है उसे देखकर बोला जा सकता है कि आने वाले कुछ सालों बाद यही टीम सबको परेशान किया करेगी.
अब अगर भारतीय टीम की बात की जाये तो बेशक वह इस मैच को जीत गयी है लेकिन यह जीत सिर्फ अपना सम्मान ही बचा पाई है. जिस मैच से टीम अपनी रन रेट सुधारना चाहती थी उस मैच को जीत पाना ही अब बड़ी बात हो गयी थी.
लेकिन अभी तक के तीनों मैच में कप्तान धोनी एक बड़ी गलती बार-बार कर रहे हैं. जो टीम कुछ समय पहले तक 20 ओवर में 180 रन बना रही थी वाही टीम 130 तक आते-आते दम तोड़ देती है.
तो आइये देखते हैं उस एक गलती को जो कप्तान बार-बार कर रहे हैं
टीम में बायें हाथ के तीन मुख्य बल्लेबाज हैं और यह तीनों ही खेल नहीं पा रहे हैं. अगर भारतीय टीम कहीं पर संघर्ष कर रही है तो वह यही है.
आइये पहले नजर डालते हैं इन बल्लेबाजों पर-
1. शिखर धवन
जी हाँ. पिछले लगभग 7 मैच से भारतीय ओपनर धवन अपनी फॉर्म को लेकर बेहद ज्यादा परेशान हैं. अगर रोहित शर्मा जल्दी आउट हो रहे हैं तो उसकी वजह शिखर ही हैं. रोहित को तेज खेलना पड़ रहा है. तो क्या कप्तान धोनी शिखर को आउट कर अजिंक्या को एक मौका नहीं दे सकते हैं.
2. सुरेश रैना
बेशक यह मानते हैं कि रैना की जगह कोई और बिलकुल नहीं आ सकता है. लेकिन एक जगह रैना खेलने आ रहे हैं वहां वह उस दबाव को नहीं झेल आ रहे हैं. रैना ने भी एक अच्छी पारी एशिया कप के समय ही खेली थी. तो क्या धोनी को इस बल्लेबाज का क्रम बदलकर नहीं देखना चाहिए.
3. युवराज सिंह
बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज का मनोबल खुद धोनी ही गिरा रहे हैं. ना इस खिलाड़ी को गेंदबाजी मिल रही है और बल्लेबाजी में भी इससे ऊपर किसी को भी भेज दिया जा रहा है. युवराज समझ रहे हैं कि वह तो टीम पर बोझ बने हुए हैं.
तो यह एक गलती कि धोनी खिलाड़ियों को नहीं समझ पा रहे हैं वह हर बार टीम को नुकसान पहुंचा रही है. और अगर ध्यान से देखें तो यह बल्लेबाज अगर नहीं खेलते हैं तो यह विश्वकप हार ही बड़ी वजह बन सकते हैं.