विश्व कप 2015 अपने रोमांच के शिखर पर है, सेमीफाइनल में अंतिम चार टीमें जा चुकी हैं. साउथ अफ्रीका का मुकाबला न्यूजीलैंड से होना है और भारत को ऑस्ट्रेलिया के साथ खेलना है.
बात करें 26 मार्च को होने वाले भारत-ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले की तो यहाँ दोनों ही टीमें एक दूसरे से कम नहीं हैं.
भारत के लिए यह मैच विश्व कप का सबसे कठिन मुकाबला होगा.
ऑस्ट्रेलिया अब तक अपने इतिहास में कभी सेमीफाइनल में नहीं हारा है. दूसरी बात विश्व कप से पहले, भारत ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज भी हार चुका है और एकदिवसीय मुकाबले भी.
तो अब यह देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा, कि कप्तान धोनी और टीम इंडिया सेमीफाइनल में क्या करिश्मा करती है?
अब अगर हम नज़र डालें दोनों टीमों पर और सिडनी के हालातों पर, तो कागजों में दोनों ही टीम एक दूसरे को टक्कर देती दिखती हैं और घरेलू वातावरण का लाभ ऑस्ट्रेलिया को जाता दिखता है.
शिखर-रोहित और डेविड-फिंच
शिखर धवन, रोहित शर्मा ने अब तक मैच विनिंग पारियां खेली हैं. वही दूसरी तरफ डेविड अपनी लय में तो नहीं दिख रहे हैं, पर फिंच का बल्ला चल रहा है. दोनों टीमों की ओपनिंग जोड़ियाँ एक दूसरे के लिए खतरा ही हैं. जहाँ शिखर का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सही है, वैसे ही डेविड भी भारत के लिए खतरा ही हैं.
कोहली, अजिंक्य, रैना और क्लार्क,वाटसन, स्मिथ
मध्यक्रम में भारत, ऑस्ट्रेलिया से हारता दिखता है. टीम इंडिया का मध्यक्रम अभी तक भरोसेमंद नहीं रहा है. कोहली और अजिंक्य कुछ ख़ास नहीं कर पाए हैं. वहीँ ऑस्ट्रेलिया में क्लार्क, वाटसन और स्मिथ की जोड़ी काफी भरोसा करने लायक रही है.
रैना-धोनी और क्लार्क-मैक्सवेल
यहाँ हम दोनों ही टीमों को बराबर देखते हैं. बस मैक्सवेल कहीं ना कहीं भारत के लिए सर दर्द बन सकते हैं. मैक्सवेल अब तक वर्ल्ड कप-2015 में सबसे सफल ऑस्ट्रेलियाई बैट्समैन हैं. उन्होंने अब तक 6 मैचों में 288 रन बनाए हैं. इसमें एक सेन्चुरी शामिल है. ऑस्ट्रेलिया के पास बल्लेबाजी में 9 नंबर तक खेलने वाले खिलाड़ी हैं. भारत के पास आखिरी खिलाड़ी अश्विन ही हैं. वैसे रैना और धोनी अभी तक तो विश्वकप में सभी टीमों के लिए परेशानी का कारण बन चुके हैं.
शमी, उमेश, अश्विन, मोहित और स्टार्क-जॉनसन-मैक्सी की जोड़ी
मिचेल स्टार्क, जॉनसन और मैक्सवेल के अलावा जेम्स फॉकनर से खतरा हो सकता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी जहाँ शोर्ट पिच गेंदों से भारत को परेशान करेंगे, वहीँ स्टार्क तो अब तक विश्व कप में 18 विकेट लेकर टॉप पर बने हुए हैं.
भारत के गेंदबाजों ने भी वैसे अब तक सभी मैचों में सामने वाली टीम को पूरा आउट किया है. 7 मैच में 70 विकेट लिए जा चुके हैं. शमी और उमेश यादव का फार्म में होना, एक अच्छी बात है.
यहाँ हम फिर भी ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को, भारतीय गेंदबाजों से ऊपर रख सकते हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलिया अपने होम ग्राउंड पर खेल रही है.
धोनी और माइकल क्लार्क
धोनी बतौर कप्तान, क्लार्क से आगे हैं. धोनी ने जहाँ टीम इंडिया को आईसीसी के सभी टूर्नामेंट में विजय दिलाई है, वहीँ क्लार्क अपने देश के बाकी कप्तानों की तुलना में उतना अच्छा नहीं कर पाये हैं. यहाँ हम भारत की टीम को ऊपर पाते हैं.
हेड टू हेड
सिडनी के इस ग्राउंड पर भारत, ऑस्ट्रेलिया से बहुत पीछे है. यहाँ हुए 17 मैचों में से भारत 4 मैच ही जीत पाया है. वहीँ होम ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया 125 में से 87 मैच जीत चुकी है.
अब अगर आंकड़ों और कागजों पर देखें तो टीम इंडिया को सेमीफाइनल में एक मुश्किल काम को करना होगा. एक तरह से यह भारत के लिए फाइनल ही है, यदि यहाँ ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया जाता है, तो विश्वकप जीतना भारत के लिए काफी आसान भी हो सकता है.
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