वजीरानी शूल – जब भी लोग सुपरफास्ट कारों की बात करते हैं तो सबसे पहले उनकी जुबान में नाम आता है लैंबॉर्गिनी और फरारी का, क्योंकि हर किसी का सपना होता है कि उसके पास भी एक फरारी या लैंबॉर्गिनी हो.
कभी-कभार अगर आप सड़क पर जा रहे हैं और लैंबॉर्गिनी या फरारी में से कोई भी निकलती है तो लोग उसे मुड़कर जरूर एक बार देखते हैं और उसके डिजायन की तारीफ भी करते हैं. क्योंकि ये कारें दूसरी कारों से काफी अलग नजर आती हैं. जिसे देखकर हर किसी का दिल इन पर आ जाता है. लेकिन जब लैंबॉर्गिनी या फरारी जैसी कारों के डिजायन और बनाने की बात आती है तो अब इसका श्रेय विदेशी कंपनियों को ही देते हैं. लेकिन इस बार गुडवुड फेस्टिवल ऑफ स्पीड में पेश हुई भारत में बनी पहली इको फ्रेंडली सुपरकार ‘वजीरानी शूल’. जिसको देखकर लोगों के मुंह खुले के खुले रह गए. कार की डिजायन और लुक लैंबॉर्गिनी और फरारी को टक्कर देने वाला बनाया गया है. साथ ही इस सुपरकार को भारतीय कंपनी वजीरानी ऑटोमोटिव ने तैयार किया है. इस कार को डिजायन किया है वजीरानी के सह संस्थापक चंकी वजीरानी ने.
भगवान शिव से आया वजीरानी शूल बनाने का आइडिया
वजीरानी शूल का आइडिया चंकी को भगवान शिव से मिला था. साथ ही उन्होंने भगवान शिव के त्रिशूल के रूप में कार को डिजायन भी किया है. अगर आप सुपरकार को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि कार का बोनट भोलेनाथ की त्रिशूल की तरह बनाया गया है. कार के बोनट से लेकर फ्रंट मिरर तक तीन लाइनें खींची गई हैं, जो भगवान शिव के त्रिशूल की तरह दिखाई देती हैं. वहीं कार की हेडलाइट में शिव के फोरहेड की तरह की तीन वर्टिकल लाइनें बनाई गई हैं.
सुपरकार की डिजायन है इको फ्रेंडली
वजीरानी शूल की डिजायन की बात करें तो कार की खासियत यह है कि इसमें कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है जिसकी वजह से कार का वजन काफी कम हो गया है. कार को पूरी तरह से इको फ्रेंडली बनाने की कोशिश की गई है. कार का बाहरी लुक काफी अटैक्टिव बनाया गया है. हालहि में गुडवुड फेस्टिवल ऑफ स्पीड में कंपनी ने इसका एक कॉन्सेप्ट मॉडल पेश किया था. जिसका फाइनल मॉडल साल 2018 के अंत तक आ जाएगा.
Force India Farmula 1 की तरह बनाए गए है पहिए
अगर कार के फीचर्स की तरफ देखें तो वजीरानी कंपनी ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह कार कोई हाई-स्पीड कार नहीं है. इस कार को बनाते समय हैंडलिंग और ब्रेक सिस्टम का खास ध्यान रखा गया है. कार के पहिए Force India Formula 1 की तरह डिजायन किए गए हैं. सुपरकार के सभी पहियों में सिंगल रेशो गियरबॉक्स से चलने वाली 4 इलेक्ट्रिक मोटर लगाई गई हैं, जो कि इसे फुली इंडिपेंडेंट टॉर्क वेक्टरिंग प्रोवाइड करेंगी. इस कार को आप केवल पेट्रोल से ही नहीं बल्कि मेथोनॉल और इलेक्ट्रिक बैटरी से भी चलाया जा सकेगा. इस कार को टर्बाइन इंजन से पॉवर मिलेगी, जो कुछ खास कारों में ही मिलती है. इस कार को डिजाइन करने वाले चंकी वजीरानी के बताया कि इस कार की बैट्री का वजन 300 किलो है जो की चार्ज करके चलाने में भी सक्षम है,
जगुआर और रॉल्स रॉयस में कर चुके हैं काम
वजीरानी शूल सुपरकार को डिजायन करने वाले चंकी वजीरानी पहले ऐसे कार डिजायनर हैं, जो पहले जगुआर लैंड रोवर और रॉल्स रॉयस जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं. वह हमेशा से चाहते थे कि भारत में भी एक सुपरकार बनें लेकिन भारत में सुपरकार बनाना काफी मुश्किलभरा काम था. वहीं वजरानी की मूल जड़े भारत से ही जुड़ी हुई हैं लेकिन उनकी कंपनी का मुख्य कार्यालय कैलीफोर्निया में स्थित है.
तो दोस्तों अगर आप सुपरकार खऱीदना चाहते हैं तो अपने देश की पहली सुपरकार वजीरानी शूल को ही खरीदने की सोचें. यह कार आने वाले समय में लैंबॉर्गिनी और फरारी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है.