भारत विकसित देश – अतीत से लेकर वर्तमान तक भारत जैसे उदारवादी देश ने इस दुनिया को आदर्श और यथार्थ के नए-नए चश्मे दिये हैं. जिनका जाने-अनजाने विश्व आज भी उपयोग कर रहा है.
अगर उदाहरण के तौर पर भौतिक के सन्दर्भ में कहा जाए तो हमने विश्व को शल्य चिकित्सा तथा ऐसे उपकरणों से परिचित करवाया जो समय के हिसाब से क्रांति थे, इसके अलावा नई-नई कलाओं का ज्ञान (यथा कामसूत्र, चरक संहिता) , अनेक अस्त्रों-शस्त्रों का ज्ञान दिया तो वही वैचारिक सन्दर्भ में योग, प्राणायाम, अन्तरिक्ष तथा ज्योतिष शास्त्र की सौगात विश्व को दी.
लेकिन आज के टॉपिक में हम बात करने जा रहे हैं कुछ ऐसे लोगों की, जिनका जन्म देश दुनिया को नए आयाम देने के लिए हुआ था लेकिन अफ़सोस इनकी असमय म्रत्यु ने भारत की ऐसी तकदीर लिखी जिसका परिणाम भारत आज भी भोग रहा है. अगर आज ये लोग होते तो भारत विकासशील ना होकर भारत विकसित देश होता, विकसित देशों का प्रतिनिधित्व कर रहा होता.
भारत विकसित देश होता –
१ – मराठा पेशवा माधवराव –
बालाजी विश्वनाथ, पेशवा बाजीराव जैसे लोगों का हमने नाम इसलिए मशहूर है क्योंकि इनके ऊपर फिल्म तथा साहित्य लिखा जा चूका है लेकिन मराठा इतिहास में पेशवा माधवराव का अलग ही महत्व है. जब भारत अंग्रेजो के चंगुल में फंसा जा रहा था ऐसे समय पेशवा माधवराव का शासन स्थापित होता है और वह कुछ ही समय में दक्कन के निज़ाम, मैसूर के शासक को हरा देता है. ऐसा अब तक कोई भी पेशवा नहीं कर सका था. लेकिन दुर्भाग्य से उसकी २२ साल की उम्र में म्रत्यु हो जाती है और मराठा साम्राज्य जो मुग़ल के उत्तराधिकारी तथा भारत का भविष्य बन कर उभरे थे पतन की ओर बढ़ जाते हैं.
२ – टीपू सुलतान –
18वी शताब्दी के 80 के दशक में जहाँ अंग्रेजो के बढ़ते प्रभाव को कोई भी शासक नहीं समझ पा रहा था, वहीँ टीपू सुलतान अंग्रेजो के मंसूबों से पूरी तरह बाकिफ था इसलिए उसने फ़्रांसिसी सेना की मदद से अपनी सेना का आधुनिकी करण करवाया और पश्चिम एशिया से मदद मांगने अपने राजदूत भेजे. इसके साथ ही भारत से अंग्रेजों का नामोनिशान मिटाने के उद्देश्य से नेपोलियन बोनापार्ट को भी पत्र लिखा. लेकिन अफ़सोस इस बात की खबर अंग्रेजों को लग गई और आर्थर बेलेजली ने टीपू सुलतान को उसके किले पर मार दिया.
टीपू की विलक्षणता यह है कि टीपू से पहले कोई भी राजा कभी युद्ध में नहीं मारा गया. तथा जब कंपनी प्रशासन ने इस बात पर आपत्ति की तो टीपू को हिन्दू धर्म का उत्पीड़क बताया.
३ – स्वामी विवेकानंद –
नरेंद/ स्वामी विवेकानंद ने जिस तरह भारत के रहस्यों को विश्व मंच पर उद्घाटित किया वह अनुपम है. लेकिन विमारियों के कारण युवा अवस्था में उनकी म्रत्यु भारत देश के लिए जरूर हानिकारक रही.
४ – भगत सिंह –
यहाँ भगत सिंह का उल्लेख इसलिए जरूरी है क्योंकि भगत सिंह सिर्फ एक क्रांतिकारी नहीं सामाजिक चिन्तक भी था. उनके पास आज़ादी के पश्चात समाज विकास का एक पूरा का पूरा मॉडल तैयार था लेकिन अफ़सोस २२ साल में ही वह शहीद हो गए और उनके विचार भी ना पनप सके.
आज यूरोप सम्रद्ध है क्योंकि उन्होंने अपना विकास एक क्रम में पाया है, चाइना सम्रद्ध है क्योंकि उन्होंने ने भी क्रांति के जरिये अपना विकास पाया है लेकिन भारत जैसे देश का आज विकासशील होना अंग्रेजो की ही देन है.
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