2004 की सुनामी याद है…
क्या होगा अगर कोई ये कहे कि वो सुनामी प्राकृतिक रूप से नहीं आई थी अपितु इंसानों द्वारा लायी गयी थी.
वो भी भारत और अमेरिका द्वारा…!!!!
वो सुनामी जिसने एशिया में मौत का तांडव मचा दिया था और लाखों लोगो की जान चली गयी थी.
विश्व भर के वैज्ञानिकों की माने तो सुनामी का कारण धरती के गर्भ में हुई उथल पुथल और चट्टानों के खिसकने से आया भूकंप होता है. 2004 में जो समुद्र में भूकंप आया उसकी तीव्रता थी रिक्टर पैमाने पर 9.
मिस्र के कुछ वैज्ञानिकों और अल जज़ीरा चैनल की कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों की जान लेने वाली इस सुनामी का कारण भारत, अमेरिका, और इसराइल थे.
चौंक गए न ये सुनकर…
अब इसमें कितना सच था कितना झूठ ये तो खबर देने वाले ही जाने.
आइये आपको बताते है ऐसी ही कुछ रिपोर्ट के बारे में जिन्होंने दावा किया कि ये सुनामी मानव निर्मित थी और इस बात के पक्ष में लोगों ने अपने प्रमाण भी रखे.
ये है कुछ अजीबोगरीब ख़बरें जो कहती है कि सुनामी प्राकृतिक नहीं एक मानवी साजिश का नतीजा थी.
अमेरिकी सरकार को पहले से ही सुनामी का पता था इसलिए सुनामी आने से पहले अमेरिका ने हिन्द महासागर में डिएगो गार्सिया में स्थित अपने जल सेना बेस को हटा लिया था.
भारत और अमेरिकी सेना सयुंक्त अभ्यास के दौरान विद्युतचुम्बकीय हथियारों का परिक्षण कर रहे थे जिसके फलस्वरूप धरती की भीतरी परतों में बदलाव हुआ और भूकंप आया.
कुछ लोगों का तो ये भी मानना है कि अमेरिका ने परग्रही जीवों से संपर्क कर लिया है और उनके साथ मिलकर वो हथियारों का परिक्षण कर रहे थे जिसकी बदौलत सुनामी आई.
मिस्र की एक पत्रिका की माने तो पिछले कुछ सालों से भारत, अमेरिका, और इसराइल मिलकर तरह तरह के परमाणु आयुधों का परिक्षण कर रहे है. ये सुनामी इन तीनो देशों के सयुंक्त परमाणु परिक्षण का नतीजा थी.
वैसे भी हिंद महासागर का वो भाग जहाँ सुनामी और भूकंप आयता था उसे रिंग ऑफ़ फायर कहा जाता है उस क्षेत्र में परमाणु परिक्षण या अन्य किसी भी प्रकार के हथियारों का परिक्षण उस क्षेत्र की परतों में हलचल मचा सकता है जिसकी वजह से भूकम्प और सुनामी आने की संभावनाएं बढ़ जाती है.
मिस्र की एक पत्रिका में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकम्प का केंद्र धरती के 40 किलोमीटर अन्दर था और इस तरह की सुनामी और हलचल तभी संभव है जब उस क्षेत्र के आस पास परमाणु परिक्षण किया गया हो जिसकी वजह से आंतरिक परतें कमज़ोर हो गयी हो.
वैसे दुनिया के अधिकतर समुद्र वैज्ञानिकों और देशों ने इन सभी रिपोर्ट को सिरे से नकार दिया गया है और कहा है कि ये इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा भावनाएं भड़काने के लिए की गयी साजिश है क्योंकि सुनामी प्रभावित इलाकों में कहीं भी परमाणु परिक्षण या अन्य किसी भी प्रकार के हथियारों के परिक्षण के कोई प्रमाण नहीं मिले है.
तो देखा आपने कुछ सिरफिरे ये मानते है की दो लाख लोगों की मौतकी ज़िम्मेदार सुनामी का कारण भारत और अमेरिका थे.
आपको क्या लगता है ?
इन बातों में ज़रा भी सच्चाई है या फिर ये सब है कोरी कल्पना.
समुद्री वैज्ञानिकों और आयुध विशेषज्ञों ने इन सब बातों को सिरे से नकार दिया है क्योंकि हथियारों की वजह से थोड़ी बहुत हलचल हो सकती है पर इतनी बड़ी क्षमता और इतने बड़े क्षेत्र में ऐसा कर पाना संभव नहीं है.