रेप के मामले – भारत देश में हो रहे हर दिन के निर्भया कांड ने लोगों को झंझोर कर रख दिया है।
शायद अब गर्भ में लड़कियों को मरवाना उन लोगों को भी ठीक लगेगा, जो बेटियों से बहुत प्यार करते है। कोई भी माता-पिता अपनी बच्ची की ऐसी स्थिती देखने से पहले उसकी मौत की ही दुआ करेगा। वो हर उस पल को कोसेंगे जिस पल उनकी बेटी को उनकी सुरक्षा की जरूरत थी और वो वहां नहीं थे। कौन है इन बेटियों का असली गुनहेगार?
आखिर कब रुकेंगे रेप के मामले – कब मिलेगी इन्हें ऐसी कोई सजा, जिसके बाद बलात्कार, रेप जैसे शब्दों के नाम से भी इन दरिन्द्रों की रूह कांप जाये।
अभी कठुआ और उन्नाव के मामलों की तपन ठंड़ी भी नहीं हुई थी कि हाल ही में झारखंड में 16 साल की लड़की के साथ रेप का मामला तूल पकड़ने लगा है। दरिन्दों ने ना केवल उसके साथ गैंगरेप किया बल्कि उसे उसी के घर में घुसकर कैरोसीन डालकर जला भी दिया। यह मामला झारखंड के ईटखोरी थाना क्षेत्र के राजा केंदुआ गांव का है, जहां बीते गुरूवार की रात हैवानों ने लड़की के साथ दरिंदगी की।
बात यही खत्म नहीं होती रेप के मामले में खाली रेपी ही दोषी नहीं है, बल्कि जरा अब ये पढ़ियें।
जब इस मामले को लेकर लड़की के माता-पिता पंचायत के पास पहुंचे, तो अगले दिन सुबह-सुबह इस मामले पर पंचायत बैठी। पंचों की इंसानियत और उनका न्याय पढ़कर आपका भी न्याय शब्द से भरोसा उठ जायेगा। दरअसल सभी पंचों ने उन हैवानों को 50-50 हजार के जुर्माने का दंड लगाकर मामले को खत्म कर दिया। अपनी इस घिनौना शर्मनाक हरकत पर मिले इस जुर्माना भुगतान से आरोपी पक्ष इतना बौखला गया कि उसने लड़की के घर में घुसकर उसपर कैरोसीन डाल उसे जला दिया। हालांकि परिवार वालों ने बड़ी जद्दोजहद के बाद अपनी बेटी को बचा तो लिया, लेकिन तब तक उसके शरीर का लगभग 70% हिस्सा आग में झुलस चुका था। फिलहाल लड़की को अस्पताल में भर्ती कराये गया है।
वहीं दूसरी तरफ पीड़ित परिवार ने जब इस मामले की रिपोर्ट पुलिस में कराई, तो मामला संज्ञान में आने के बाद कंदुआ के डीसी ने पीड़ित लड़की के इलाज के लिए 1 लाख रूपये दिये और मामंले की जल्द से जल्द जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिये।
इन मामलों में बेहद बड़ा सवाल यह है कि क्या गिरफ्तारी या उम्रकैद जैसी सजा इन दरिन्दों को रोक सकती है।
आखिर कब तक रेप के मामले जारी रहेंगे – कब तक लड़कियां अपने घर, अपनें दायरों में रहने के बावजूद इन हैवानों की हैवानित का शिकार होती रहेंगी। रेप मामलों में कानून हर दिन और कड़ा होता जा रहा है, लेकिन फिर भी इनके अनुपात में किसी तरह की कोई गिरावट नहीं आ रही। क्या है आखिर वजह? क्या इन हैवानो, दरिन्दों में कानून का कोई खौफ नहीं या कानून को वह अपनी मुट्ठी में लेकर चलते है। क्या किसी भी मायने में ऐसा देश को विकास की ओर अग्रसर होते देश की नज़र से देखा जा सकता है, जहां देश की आधी आबादी ही डर और खौफ के साये में जी रही हो।