हर किसी को अपना इनकम टैक्स रिटर्न ज़रूर फाइल करना चाहिए, भले ही उसकी सैलरी टैक्सेबल हो या नहीं.
यदि आपने भी अब तक रिटर्न फाइल नहीं किया है और अब करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए कुछ ज़रूरी बातें हम बताने जा रहे हैं.
रिटर्न फाइल करने से पहले इनकी जानकारी होने पर आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को गलत जानकारी देने से बच जाएंगे, गलत जानकारी देने पर डिपार्टमेंट से आपको नोटिस मिल सकता है। इसलिए रिटर्न फाइल करने से पहले ये ज़रूरी बातें जाने लें.
अपने इनकम सोर्स की पूरी जानकारी दें
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की पहली शर्त ये है कि आप अपनी के किसी भी स्रोत को छिपाएं नहीं. अगर आप ऐसे करते हैं तो आपको पेनल्टी भरनी पड़ सकती है. आगे आपको किसी तरह की कोई समस्या न हो इसलिए अपनी आमदनी के सभी जरिए का जिक्र रिटर्न फाइल करते समय कर दें. इसमें सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य निवेश से होने वाली इनकम भी शामिल है. गलत जानकारी पर आपको इनकम टैक्स नोटिस भी मिल सकता है.
टैक्स रिटर्न भरने में देरी न करें
आमतौर पर लोग लापरवाही में टाइम पर रिटर्न फाइल नहीं करतें और फिर उन्हें परेशानी होती है. सरकार ने फिलहाल रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 31 अगस्त तक बढ़ा दी है. यदि आप देर से आईटीआर दाखिल करेंगे तो आप टैक्स रिफंड पर इंट्रेस्ट भी नहीं मिलेगा.
अपनी निजी जानकारी
टैक्स रिटर्न फाइल करते समय लोग ऐसी गलतियां बहुत करते हैं. इसलिए ध्यान से रिटर्न फाइल करें और मोबाइल नंबर, ईमेल, बैंक विवरण, पता, जन्मतिथि, पैन नंबर आदि लिखने के बाद दोबारा चेक कर लें, क्योंकि गलत इन्फॉर्मेशन देने पर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल जाएगा.
गलत फॉर्म
कई लोगों को पता ही नहीं होता कि रिटर्न फाइल करने के लिए सही फॉर्म कौन सा है. ऐसे में बिना जानकारी के गलत फॉर्म न भरें, बल्कि किसी जानकार से इस बारे में पूछ लें. आय स्रोत और अन्य डिटेल्स के मुताबिक आईटीआर भरने के लिए कई फॉर्म आते हैं, उदाहरण के लिए सैलरी पाने वालो को आईटीआर 1 फाइल का इस्तेमाल करना चाहिए. यदि आपकी सैलरी के अलावा अन्य इन्वेस्टमेंट से भी आमदनी है तो आईटीआर 2 भरना चाहिए.
इनकम की गलत जानकारी
आपने आईटीआर में जितनी इनकम दिखाई है यदि उससे ज़्यादा कमाते हैं तो ये गलत जानकारी आपको भारी पड़ सकती है. नौकरीपेशा हो या बिज़नेसमैन किसी को भी अपनी आमदनी कम नहीं दिखानी चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अक्सर लोग विभिन्न बचत खातों और निश्चित जमा रकम से मिलने वाले ब्याज की जानकारी नहीं देते हैं, ऐसा न करें. रिटर्न दाखिल करते समय एफडी से मिला ब्याज भी न छिपाएं.
पिछले जॉब की आमदनी का जिक्र
यदि आपने फाइनेंशियल ईयर के बीच में नई नौकरी जॉइन की है तो आपको पिछली और नई, दोनों नौकरी से मिली सैलरी का जिक्र अपने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में करना चाहिए. अगर आपने आईटीआर में पिछली नौकरी की सैलरी के बारे में जानकारी नहीं दी है तो आपके टीडीएस सर्टिफिकेट, फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS में अंतर देखने को मिल सकता है और आपको नोटिस मिल जाएगा.
सही समय पर और ईमानदारी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर आप परेशानी से बच सकते हैं और आपको रिफंड भी समय पर मिल जाएगा. याद रखिए कि आपकी चालाकी आप पर भारी पड़ सकती है इसलिए टैक्स बचाने के लिए कोई चालांकी करने की भूल न करें.
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