आस्था के नाम पर – अजीब कहानी है हमारी आस्था की ।
मंदिर में दूध पानी की तरह बहाते है । और करीब को पानी भी नहीं पूछते , दरगाह पर हजारों की चादर चढाई लेकिन फकीर का ढकने के लिए एक मामूली कपङा भी न दे सके, जीजस के घर हर रोज हजारों मोमबत्तियां जलाते है लेकिन अंधरे घर में कभी उजाला नही करते । समझ नही आता आस्था से बंधे है या डर से ।
पूजा – पाठ, नमाज, प्रेयर सब अपनी जगह सही है जब तक हमारी ये अस्था अंधविश्वास में न बदल जाए । आस्था प्रेम से होती है और अंधविश्वास डर से । लेकिन जहां हम आज एक ऐसे समाज की बात करते बै जहां साइंस इतना आगे बढ चुका है कि हम साइंस की मदद से ये तक जान सकते है कि जीवन की शुरुआत कैसे हुई थी। ऐसे समाज में हम अपनी जिंदगी के भविष्य के लिए कैसे किसी भी इंसान पर भरोसा कर सकते है ।
अगर हम खुद ये मानते है कि भगवान है तो फिर किसी ओर पर भरोसा करने की हमे क्या जरुरत है ।
हमारे समाज रहने वाले लोगों की आस्था के नाम पर फायदा उठाकर न जाने कितने ढोंगियो ने हमारे समाज को लूठा और लूठ रहे है । पैसों से तो हमेशा लूटते आए है । लेकिन इस अंधविश्वास ने महिलाएं के आत्मसम्मान को भी लूटा । आसराम, राम रहीम और बाबा वीरेंद्र सिंह जैसे हजारों लोग हमारे समाज में है जो समाज को आस्था के नाम पर लूटते है और अपना भोग करते है ।और ये एक धर्म की बात नही है । क्योंकि अंधविश्वास किसी धर्म से जुङा नही होता ।
बस फर्क इतना है कि कुछ के राज खुल गए तो वो बदनाम हो गए । वरना इन जैसे और भी है यहाँ जो परदे की आढ में अपने पापों को छिपाए हुए है । पर करें तो क्या करे हम तो जीते ही डर के साए में है । बीमार हो जाए तो भगवान जिम्मेदार , नौकरी चली जाए तो भगवान जिम्मेदार । खुद तो हम कुछ करते ही नहीं । अपने भविष्य के लिए अपने घर की नाबालिग लङकी को किसी बाबा के आश्रम की साधवी बनाना आस्था है । इसे हमारा भविष्य सुधर जाएगा ।जिस लङकी को किसी लङके से बात करते भी देख लिया तो उसका घर से बाहर निकलना बदं करवा देने वाले लोग अपनी बेटी, बहन को किसी बाबा के हवाले करने से पहले एक बार क्यों नही सोचते । क्या वो बाबा इंसान नही है । क्यों उस वक्त हमारी आंखों पर अंधविश्वास की पट्टी बंध जाती है ।
बाबा वीरेंद्र सिंह रोजाना नाबालिग लडकियों का यौन शोषण करता था उन्हे नशीली दवाइयां देता था ताकि वो वहाँ रहने की आदि हो जाए । डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम अपनी साध्वियों के साथ रेप करता था । और कुछ बोलने पर जान से मारने की धमकी देता था। और इन दोनों बाबाओं के अलावा भी कई मौलवियों और बाबा के कच्चे चिट्ठे है जिनके बारे में शायद किसी को पता भी नही होगा ।
ये सब हो रहा है आस्था के नाम पर – समझ नही आता ये कैसी आस्था है जिस पर अंधविश्वास और डर की ऐसी पट्टी बंधी है जिसके आगे अपना रिश्तों को भी लोग बलि चढा रहे है । आस्था के नाम पर दान पेटी करोडो रुपये डाल दो । लेकिन किसी अपने का सौदा कभी मत करना ।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…