जेएनयू जैसे शिक्षण संस्थान पर आज से नहीं बल्कि पिछले कई सालों से इस तरह के आरोप लगते आये हैं कि वह देशद्रोह वाले काम करता रहता हैं.
आपको याद होना चाहिए कि कुछ समय पहले यहाँ बीफ पार्टी भी होती थी और महिषासुर राक्षस की पूजा भी होती है.
अब अगर यह लोग महिषासुर की पूजा करते हैं तो निश्चित रूप से यह दानव दल में शामिल हो जाते हैं.
भारत माता की जय का सवाल इन लोगों से करना हम सब की भूल ही है.
हाँ भारत के टुकड़े कर, अपने-अपने टुकड़े पर राज करने का इनका ख्वाब तो सालों से ही है. यह बात कोई नई बात नहीं है आपको पता होना चाहिए कि जिस वामपंथ की विचारधारा को यह लेकर चल रहे हैं, उसी हवा में कभी चीन से भारत की हार पर ख़ुशी मनाई गयी थी. यह लोग तो गांधी को खुलेआम गाली देते रहते हैं और वही गान्धी परिवार वोटों की खातिर इस सोच का समर्थन कर रहा है.
चलिए अब मुद्दे पर आते हैं बीते दिनों बिहार के एक छात्र ने मुझे बताया कि जब वह जेएनयू में पढ़ने गया था तो उसकी मज़बूरी थी कि उसे वामपंथी विचारधारा में शामिल होना पड़ा था. वहां अगर जिन्दा रहना है तो महिषासुर की पूजा करनी जरुरी है. भारत माँ को गाली देनी जरुरी है वरना टीचर भी एग्जाम में पास नहीं करते हैं.
उसी क्रम में उसने एक वीडियो मुझे दिखाया जिसमें एक महिला अध्यापक साफ बोल रही है कि कश्मीर पर पाक का कब्ज़ा है.
भारत ने उसको हथिया लिया है और खुलेआम भारत के खिलाफ जहर उगलते हजारों वीडियो आप यू टूब पर देख सकते हैं.
इन वीडियो को देखकर बोला जा सकता है कि बच्चों के अन्दर जहर कोई और नहीं ये अध्यापक भर रहे हैं. क्या पता ये टीचर लोग इस जहर को उगलने के लिए लाखों-करोड़ों रुपैय आतंकवादियों के ग्रुप या नक्सलवाद से लेते हों? कुछ भी हो सकता है क्योकि जो लोग इस देश और मिट्टी से प्यार नहीं कर सकते हैं वह किसी से भी गद्दारी कर सकते हैं.
खुलेआम देश को गाली दी जाती है. बंटवारे की मांग हो रही है. आतंकवादियों को शहीद बोला जाता है. इनके अपने बच्चे सेना में भर्ती नहीं होते हैं बल्कि वह तो विदेश में पढ़ने जाते हैं और इन लोगों को देश से आजादी चाहिए. साफ शब्दों में बोला जाये तो अधिकार के नाम पर सब कुछ चाहिए और कर्तव्य के नाम पर बाबा जी का…
आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि किस तरह से एक गुरू जिसका कर्तव्य देशभक्ति सिखाना होना चाहिए वह देश से विद्रोह और देश के टुकड़े करने की आग बच्चों में फूंक रहा है.