भारत में रेप की घटना होना कोई नयी बात नहीं है.
और ये भी नया नहीं है की एक बच्ची का रेप हुआ. पर इसके बाद उस बच्ची पर क्या बीती? लगातार कई बार बलात्कार की शिकार एक बारह साल की बच्ची एक लड़के की माँ बनी.
जो बचपन खेलकूद और पढाई – लिखाई के लिए होता है. उसमे इस बच्ची ने सारे कष्ट देख लिए. और अब वो अपने लड़के को किसी को गोद देना चाहती है. जब तक बच्ची के गर्भवती होने का पता चला तब तक काफी देर हो चुकी थी. 20 हफ्ते गुजर जाने के बाद बच्ची की माँ को इसका पता चला. मार्च में बच्ची की माँ ने, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से बच्ची के गर्भपात की अनुमति के लिए अपील की थी. 8 अप्रैल को कोर्ट ने कहा की प्रेगनेंसी के ३४ हफ्ते हो जाने के कारण मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 के मुताबिक अब गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती.
अब वो बच्ची चाहती है की उसके नवजात शिशु को कोई गोद ले ले.
इसके लिए चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) की तरफ से हाई कोर्ट में एप्लीकेशन डाली गयी है, जिसमे कहा गया की पीड़िता बच्ची अपने शिशु को गोद देना चाहती है.
हाई कोर्ट ने बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया को आगे बढाने का काम CARA को सौपा है.
कोर्ट ने कहा की गवर्निंग द एडॉप्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन, 2011 की गाइडलाइन्स के तहत इस तरह की ज़िम्मेदारी CARA को दी जानी चाहिए.
अब कभी उस लड़की ज़िन्दगी नार्मल हो पाएगी या नहीं ये कहना मुश्किल है. पर कम से कम हमें इस और जरूर कदम बढ़ाना चाहिए की उसे और ज्यादा कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.
इसका बचपन तो छीन गया पर कानून इस प्रकार कड़े होने चाहिए की आगे कोई भी इस प्रकार का गुनाह करने से पहले दस बार सोचे.