ENG | HINDI

धरती से बोरिया बिस्तर उठ गया! दूसरे ग्रह जाने की तैयारी करो!

kepler-186f-new-planet

डर गए न आप?

कहाँ जाएंगे और कैसे जाएंगे?

कौन सा ग्रह है जहाँ जीवन मुमकिन है?

क्या सब जा पायेंगे या कुछ ही खुशकिस्मत लोगों को यह मौका नसीब होगा? अभी जाना होगा?

ऐसे हज़ार सवाल दिल में आ रहे होंगे, है न? सच कहें तो यही वक़्त है इन सभी सवालों के बारे में सोचने का और उनके जवाब ढूंढने का| यह कहना है विश्व-प्रख्यात फिजिसिस्ट और वैज्ञानिक स्टीफेन हाकिंग का!

Stephan Hawking

Stephan Hawking

हाल ही में उन्होंने सिडनी ओपेरा हाउस में लेक्चर देते हुए कहा की जो हालत हमारे ग्रह की हो रही है, जिस तरह से मानवजाती स्वयं के संहार में लगी हुई है, अगर हम ने जल्द ही अंतरिक्ष में कोई दूसरा ग्रह ढूंढ के उसे अपना घर न बना लिया तो इंसान का नामोनिशान मिट जाएगा! उनके अंदाज़ से अगले १००० साल में धरती पर मानव जाती का रह पाना नामुमकिन हो जाएगा| सच कहें तो वो समय लम्बा लगता है अगर हम ध्यान दें कि हम कितने जल्दी अपने विनाश की ओर दौड़ रहे हैं!

श्री हाकिंग के अनुसार दो कारण प्रमुख हैं हमारे विनाश के लिए| पहला, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कि कृत्रिम बुद्धि का और भी ज़्यादा प्रभावी होना और दूसरा, मानव प्रजाति की हिंसक प्रवृति! वो दिन दूर नहीं जब रोबॉट्स और कृत्रिम बुद्धि हमसे ज़्यादा समझदार हो जाएंगे और हमारे जीवन पर उनका राज होगा| लेकिन वो दिन तब आएगा अगर हम एक दूसरे को मार काटने से बच पाये! जिस तरह हम प्रकृति के साथ खेल रहे हैं, मौसम में तेज़ बदलाव हो रहे हैं, भोजन और पानी का अभाव बढ़ता जा रहा है, ऐसे में हम कितने दिन जी पायेंगे इसका अंदाजा लगाना सच में बेहद मुश्किल है| इसीलिए ज़रुरत है कि जितने जल्दी हो सके पृथ्वी जैसे ही किसी और ग्रह को अपना घर बना लिया जाए|

ख़ुशी की बात यह है कि पिछले साल नासा ने एक पृथ्वी जैसा ग्रह ढूंढ़ निकाला था जिसका नाम है Kepler 186f!

Kepler 186f

Kepler 186f

यह धरती की तरह है लेकिन अभी यह जानना बाकि है कि क्या उस ग्रह का तापमान, पर्यावरण वगेरह धरती जैसा है या नहीं| और इस सारी खोज में अभी कई साल लगेंगे और यह भी नहीं पता कि अगर वहां जीवन मुमकिन हुआ, तो करोड़ों मील की यात्रा होगी कैसे? पर काम से काम एक उम्मीद तो है?

कुछ भी हो, हम सबको कोशिश करनी होगी कि धरती का ख़याल रखें और आँखें अंतरिक्ष में टिकाये रहें, क्या पता जल्द ही एक दूसरा घर मिल जाए हमें!

स्टीफेन हाकिंग का भी कहना है, “सितारों की तरफ देखो, अपने पैरों की तरफ नहीं!”