पाकिस्तान में चुनाव खत्म हो चुका है और जैसा की पहले सी ही उम्मीद जताई जा रही थी, सेना के चहेते इमरान खान पीएम बनने की ओर बढ़ रहे हैं. अब तक जो रूझान सामने आए हैं उसमें इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. सेना यही चाहती थी कि इमरान खान देश के अगले पीएम बने क्योंकि उनकी सोच सेना से मिलती है.
इमरान खान पीएम की कुर्शी पर काबिज होने की ओर आगे बढ़र हे हैं, लेकिन उन्हें कोई बहुत बड़ी जीत हासिल होती नहीं दिख रही. उन्हें सामान्य बहुमत या उससे एक-दो सीटे कम भी मिल सकती हैं, मगर एक तरह से उनका प्रधानमंत्री बनना तय है.
इमरान सेना और आईएसआई के चहेते है इसलिए उनका पीएम बनना भारत के लिए बहुत टेंशन की बात है. इमरान खान की जीत पाकिस्तान के लिए कितनी फायदेमंद होगी, यह तो पता नहीं, लेकिन भारत के लिए ये चिंता की बात ज़रूर है.
इससे पहले नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पिपल्स पार्टी दोनों की नेतृत्व वाली सरकार के साथ भारत दोनों देशों के संबंध सुधारने की कोशिश कर चुका है, हालांकि उसका कोई खास फायदा नहीं हुआ है, मगर इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सत्ता में आने के बाद भारत को उससे डील करनी होगी, जो एकदम नया अनुभव होगा.
इमरान आतंकी संगठनों के साथ बातचीत का रास्ता अपनाने की सोच रखते हैं यानी आतंकियों के प्रति उनका रुख थोड़ा नरम है.
वो कट्टरपंथी संस्थाओं और आतंकी संगठन के साथ मिलकर चलने में विश्वास रखते हैं. ऐसे में कई बार विपक्षी उनको तालिबानी खान कहकर भी विरोध करते हैं. जाहिर है ऐसे में भारत के लिए पाकिस्तान से संबंध सुधारना और बातचीत का रास्ता और मुश्किल हो जाएगा. सेना नवाज शरीफ को इसलिए नापसंद करती थी, क्योंकि भारत के प्रति उनका रुख नरम था और वो बातचीत को अहमियत देते थे, जबकि इमरान की सोच सेना से मिलती-जुलती है, यही वजह है कि सेना शुरुआत से ही इमरान खान को सपोर्ट करती रही है और उन्हें जीताने की पूरी कोशिश की.
उधर चुनाव से पहले और अब रुझानों के बाद भी नवाज शरीफ की पार्टी PML(N) ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया गया. उनकी पार्टी का आरोप है कि चुनाव में बड़े पैमाने पर बेईमानी करके इमरान को जिताया गया है.
इमरान खान का पीएम बनना भले ही भारत के लिए सिरदर्द हो, मगर एक अच्छी बात ये हुई कि इस चुनाव में आतंकी हाफिज सईद का सपना साकार नहीं हो पाया. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद भी मैदान में थे. हालांकि, एक भी सीट पर हाफिज की पार्टी को जीत नसीब हुई है और ना ही वह कहीं आगे दिख रही है.
इमरान खान पीएम – इमरान के पीएम बनने पर पाकिस्तानी सत्ता पर सेना का दबदबा ज़्यादा रहेगा और सीमा पार से आतंकी गतिविधियां बढ़ने की भी संभावना है. ऐसे में भारत को ज़्यादा चौकना रहने की ज़रूरत है.
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