इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, मगर सत्ता पर काबिज होने से पहले ही इमरान की एक्स वाइफ रेहम खान ने उनका जमकर मज़ाक उड़ाया है.
इमरान की एक्स वाइफ रेहम खान से इमरान के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे और शादी के तुंरत बाद ही दोनों का तलाक हो गया. हाल ही में रेहम ने एक किताब में इमरान पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए थे और अब उन्होंने इमरान को सेना की कठपुतली करार दिया है.
लंदन में रह रही इमरान की एक्स वाइफ रेहम खान ने एक अखबार को दिए टेलीफोनिक इंटरव्यू में कहा कि इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी तो सेना पहले से ही कर चुकी थी और अब प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान सेना की इच्छाओं के अनुसार भारत के साथ विदेश नीति भी तय करेंगे.
इमरान की एक्स वाइफ रेहम खान ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव निष्पक्ष नहीं हुआ. रेहम ने कहा कि इमरान खान सेना की कठपुलती हैं और अब वो सेना के मनमुताबिक ही काम करेंगे.
उन्होंने इंटरव्यू कहा, ”यह असंभव है कि पार्टी ने खैबर पख्तुनख्वा (केपीके) सहित कई जगहों पर अच्छा प्रदर्शन किया, जहां पीटीआई सरकार लोकप्रिय नहीं थी. लाहौर और कराची जैसे जैसी जगहों पर पीटीआई के नए उम्मीदवारों ने अनुभवी उम्मीदवारों को हराया जो विश्वास के लायक नहीं है.”
इतना ही नहीं रेहम ने एक अन्य अखबार को दिए इंटरव्यू में यह भी आरोप लगया कि इमरान की जीत स्क्रिप्टेड थी. साथ ही इमरान खान को लेकर रेहम खान ने कहा कि वे युवाओं के लिए एक गलत रोल मॉडल होंगे. अपने घर के अंदर वह उदारवादी की तरह रहते हैं और बाहर ईशनिंदा कानून का उपयोग करते हैं. उनकी प्लेबॉय छवि से उन्हें नुकसान नहीं होता है. हमारे समाज में हमेशा से महिला एक वेश्या है.
इससे पहले रेहम खान ने अपनी आत्मकथा में भी इमरान खान पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.
इमरान की एक्स वाइफ रेहम खान ने दावा किया कि इमरान खान के पांच नाजायज बच्चे हैं, जिसमें से कुछ भारतीय हैं. एक बच्चे की उम्र इस समय 34 साल के करीब है. रेहम ने किताब में कहा है कि ये बातें इमरान खान ने उनको बताई थी. रेहम ने किताब में कहा है कि इमरान को ड्र्ग्स की भी लत थी. रेहम ने दावा किया है कि इमरान खान कुरान नहीं पढ़ सकते, उनका ‘काले जादू’ पर भरोसा है. इसका अलावा उन्होंने इमरान के कई महिलाओं से संबंध होने का भी खुलासा किया था.
बहरहाल, इमरान खान सेना का नुमाइंदे है इस बात से तो सब वाकिफ है, मगर प्रधानमंत्री बनने के बाद भी क्या वो पूरी तरह से सेना के कब्ज़े में रहेंगे या फिर कुछ स्वतंत्र निर्णय भी लेंगे इसका पता भी जल्द ही चल जाएगा. इमरान ने अपने भाषण में तो भारत से संबंध सुधारने की बात कही थी, मगर सेना के नियंत्रण में रहते हुए ऐसा कर पाना नामुमिकन है.
अब देखना ये है कि इमरान अपनी कहीं बातों पर कैसे अमल करते हैं?
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