अल्पायु नंदी की शिव भक्ति
कुछ समय बाद जब शिलाद ऋषि को यह पता चला कि उनका पुत्र नंदी अल्पायु है तो वे काफी परेशान हुए. लेकिन जब नंदी को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होने कहा कि भगवान शिव की कृपा से उनका जन्म हुआ है इसलिए वे ही उनकी रक्षा भी करेंगे.
पिता का आशीर्वाद लेकर नंदी भुवन नदी के किनारे तप करने चले गए.
नंदी की आस्था और कठोर तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और नंदी ने वरदान के रूप में सारी उम्र के लिए शिव का साथ मांग लिया.
नंदी ने शिव जी से प्रार्थना की कि वह हर समय उनके साथ रहना चाहते हैं. नंदी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने नंदी को पहले अपने गले लगाया और बैल का चेहरा देकर उन्हें अपने वाहन, अपना दोस्त, अपने गणों में सबसे ऊंचा दर्जा देते हुए स्वीकार कर लिया.