खून का महत्व – ईश्वर ने हमारे शरीर में जितने भी अंग और क्रियाएं बनाई हैं वो सब बहुत जरूरी हैं और अगर उनमें से एक भी अक्रियाशील या खराब हो जाती है तो इंसान के लिए स्वस्थ जीवन किसी सपने की तरह बन जाता है।
शरीर के बाकी अंगों की तरह ही रक्त यानि की खून भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। ये शब्द सुनते ही कुछ लोगों के शरीर में झुरझरी दौड़ जाती है। वहीं कुछ लोगों को तो खून से संबंधित फोबिया भी होता है। जो लोग खून देखकर बेहोश हो जाते हैं उनमें हीमोफोबिया होता है।
इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि खून हमारे शरीर का बहुत ही अनिवार्य तत्व है जिसकी ज़रा सी भी कमी हमें बीमारी बना सकती है। इसकी तुलना हवा से की जा सकती है जिसके बिना जी पाना असंभव है। खून की मदद से हमारे शरीर में पोषक तत्व और ऑक्सीजन कोने-कोने तक पहुंच पाता है जिसकी वजह से हम संक्रमण से बच पाते हैं। हमारे शरीर में रक्त का सुरक्षित स्तर ना रहे, ये बहुत जरूरी है। अचानक से शरीर में खून की कमी हो जाए तो इसके घातक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
अगर आप शरीर में खून की कमी की समस्या से बचना चाहते हैं तो जान लें कि शरीर में कितना खून होता है और शरीर कितने खून का बहना सहन कर सकता है।
शरीर में रक्त की मात्रा
आमतौर पर इंसान के शरीर के वजन के 7 प्रतिशत के बराबर रक्त की मात्रा होनी चाहिए। आयु और आकार के आधार पर हर किसी के शरीर में रक्त की अलग-अलग मात्रा होती
आपके शरीर में रक्त की औसत मात्रा एक अनुमान है क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने वजन वाले हैं और आपका लिंग क्या है और आप कहां रहते हैं। तो चलिए जानते हैं किन-किन वर्गों के शरीर में कितना खून सामान्य होता है।
शिशु
शिशुओं में शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम लगभग 75 मिलीलीटर रक्त होता है। अगर शिशु का वजन 8 पाउंड है तो उसके शरीर में लगभग 270 मिलीलीटर रक्त होगा।
बच्चे
औसतन 80 पाउंड के वजन वाले बच्चे के शरीर में 2,650 मिलीलीटर रक्त होना चाहिए।
वयस्क
अगर किसी वयस्क का वजन 150 से 180 पाउंड है तो उसके शरीर में रक्त की मात्रा 1.2 से 1.5 गैलन होनी चाहिए। ये लगभग 4500 से 5700 एमएल है।
गर्भवती महिला
शिशु के विकास के लिए गर्भवती महिला को सामान्य महिलाओं की तसुलना में 30 से 50 प्रतिशत अधिक रक्त की जरूरत होती है। यह लगभग 0.3 से 0.4 अतिरिक्त गैलन होना चाहिए।
कभी-कभी रक्त की मात्रा स्थान पर भी निर्भर करती है। आप जिस जगह रहते हैं वहां के हिसाब से भी आपके शरीर में रक्त की मात्रा को निर्धारण होता है। जैसे कि ऊंचाई पर रहने वाले लोगों में ज्यादा खून रहता है क्योंकि ऊंचाई पर ऑक्सीजन नहीं होता है।
शायद यही वजह है कि शहरी क्षेत्रों जैसे दिल्ली, मुबई आदि में लोगों खासतौर पर महिलाओं में लहू की कमी हो रही है। अब तो आप जान ही गए होंगें कि हमारे शरीर में खून की कितनी मात्रा होनी चाहिए। स्वस्थ आहार के ज़रिए शरीर में रक्त की मात्रा को संतुलित रखा जा सकता है।
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