स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर – जल्द ही हमारा स्मार्टफोन और अधिक स्मार्ट होने वाला है वह भी स्वदेशी तकनीक के जरिए।
अब तक हमारे स्मार्टफोन में विदेशी माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल होता था जिसके कारण स्मार्टफोन विदेशों के ही होते थे। लेकिन अब स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल स्मार्टफोन में होने लगेगा। आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर बनाया है जिसका नाम ‘शक्ति’ रखा गया है।
‘शक्ति’ है स्वेदशी माइक्रोप्रोसेसर का नाम
इंडिया में बने माइक्रोप्रोसेसर का नाम ‘शक्ति’ है। यह पूरी तरह से भारत में विकसित प्रोसेसर है और इसे आईआईटी-मद्रास के शोधकर्ताओं ने बनाया है। इसे मोबाइल कंप्यूटिंग सिस्टम, रक्षा और परमाणु क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है। बतौर आईआईटी-मद्रास, इन प्रोसेसर्स को भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो के चंडीगढ़ स्थित सेमी-कंडक्टर लैब में बनाया गया है और इनसे विदेशी माइक्रोप्रोसेसर पर भारत की निर्भरता घट सकती है।
इस्तेमाल होगा कंप्यूटिंग डिवाइसेस में
इस स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर की वजह से विदेशों के माइक्रोप्रोसेसर पर हमारी निर्भरता घटेगी और इसका इस्तेमाल मोबाइल कंप्यूटिंग समेत अन्य डिवाइसों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे विकसित करने में शोधकर्ताओं को काफी मेहनत लगी है और इस पर पिछले कई सालों से प्लान जारी था। लेकिन बैच हमेशा बदलने के कारण माइक्रोप्रोसेसर का काम रुक जाता था या फिर इस पर काम नहीं हो पाता था। लेकिन इस बार के बैच ने अपने शुरुआती वर्ष से ही माइक्रोप्रोसेसर पर काम करना शुरू कर दिया था। जिसके कारण इसे बनाने का काम तय समय में पूरा कर लिया गया।
घटेगी विदेशी प्रोसेसर पर निर्भरता
अब तक भारत में बनने वाले मोबाइल, कंप्यूटर व स्मार्ट डिवाइसेस में विदेशों में बने प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन ‘शक्ति’ माइक्रोप्रोसेसर के बन जाने के बाद अब इन स्मार्ट डिवाइसेस में देशी प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जा सकेगा और बाहर से प्रोसेसर का निर्यात नहीं करना पड़ेगा। आईआईटी मद्रास के मुताबिक, शक्ति माइक्रोप्रोसेसर कम-शक्ति के वायरलेस सिस्टम्स और नेटवर्किं ग सिस्टम्स में प्रयोग किया जा सकता है, जिससे संचार और रक्षा क्षेत्रों में आयातित प्रोसेसर्स पर निर्भरता घटेगी।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं प्रोसेसर
सबसे अच्छी बात है कि ‘शक्ति’ प्रोसेसर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि ये माइक्रोप्रोसेसर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं और इसका अन्य देशों में भी इस्तेमाल हो सकता है। आईआईटी मद्रास ने कहा कि शक्ति परिवार के माइक्रोप्रोसेसरों का निर्माण इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के चंडीगढ़ स्थित सेमी-कंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल) में किया गया है, जो पूरी तरह से भारत में डिजायन किया गया और मेड इन इंडिया ‘आरआईएससी वी माइक्रोप्रोसेसर’ है। आईआईटी मद्रास के कंप्टूयर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के रिकंफिगरेबल इंटेलीजेंट सिस्टम्स इंजीनियरिंग (आरआईएसई) लेबोरेटरी के मुख्य शोधार्थी प्रो. कामकोटी वीजीनाथन ने कहा, “डिजिटल इंडिया के आगमन के साथ, कई एप्लिकेशंस है, जिसके लिए कस्टमाइजेबल प्रोसेसर्स कोर्स की जरूरत होती है। एससीएल चंडीगढ़ का 180एनएम फैब्रिकेशन फैसिलिटी देश के अंदर इन कोर्स के विनिर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
रोजगार बढ़ेगा
स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर के बन जाने के बाद इससे रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। दिवाली के समय ऐसी खबर आना एक निश्चित ही अच्छी खबर है और यह पीएम मोदी के मेक इन इंडिया के लक्ष्य कोपूरा करने में सहयोग देगा।