गुस्सा ऐसा भाव है जो १००% लोगों में पाया जाता है.
कोई इंसान इस भाव से अछूता नहीं है, चाहे को कोई महात्मा ही क्यों न हो.
अगर आप गुस्सा प्रकट नहीं करेंगे तो आप को हर कोई हलके में ले लेगा.
इसलिए कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि गुस्सा आज के ज़माने में आवश्यक भाव हो गया है.
लेकिन इस में कोई तथ्य नहीं है. गुस्सा अधिक तर नुकसानदेह ही रहता है.
कोई भी चीज जब हद से ज्यादा होती है तो वह हानिकारक हो जाती है.
मिस वर्ल्ड सलमान के हाथों से इसलिए निकल गई थी, क्योंकि उनसे गुस्से में आकर मारा था उसे चाटा.
आज तक उस वाकये को लेकर पछता रहा है सलमान!
गुस्से का नकारात्मक इफेक्ट्स
आज की यूथ अधिक तर इमपेशंट होते है. कोई भी चीज वक़्त पर ना मिली तो उसे पाने के लिए जान लगा देते है, चाहे वो कोई भी छोटी या बड़ी चीज हो. लेकिन उनको वह चीज हासिल करनी होती है.
१. प्यार में डूबे दिवानो को इतनी गरमी छाई हुई होती है मानो जिससे प्यार हुआ है वह दुनिया की आखरी लड़की है. ऐसे में उस लडकी ने अपनी मंजूरी नहीं दी तो इनका गुस्सा सातवे आशमान पर आ जाता है. इसका परिणाम हत्या और ऐसिड विक्टिम्स को देख कर लगा सकते है. जिसके परिणाम स्वरुप वह इन्सान सलाखों के पीछे पहुच जाता है. क्या यही प्यार है जिसको आप खुश नहीं देख सकते और इस तरह का कुकृत्य करके हासिल भी क्या करते हो ? जेल की हवा.
२. लड़का लड़की प्यार में इतने पागल हो जाते है की उनको परिवार का साथ भी बेकार लगता है. खुद की और प्रेमी की योग्यता को जाने बगेर साथ निभाने की कसमे खाते है. शादी कर लेते है, लेकिन जब निभाने का वक़्त आता है तो सारी दीवानगी निकल आती है. गृहस्थी चलाने में असमर्थ रहे यही नवजवान एक दुसरे से मार पीट करने लगते है. अंत में आत्म हत्या जैसा जुर्म करने से भी नहीं डरते. अब बताइये अगर आपका जीवन साथी इस कदर बीच राह में आपका साथ छोड़ जाए, तो आप किस तरह दुनिया का सामना करोगे.
३. जॉब/व्यवसाय कही भी आप कार्यरत है. वहा काम का प्रेशर, स्ट्रेस, होड़, बास की बाते और ऑफिस की राजनीति आपको बेहद चिढ चिढा बना देती है. ऐसे में काम को लेकर कोई उंगली उठाये तो जॉब को लात मारना कितना फायदे मंद रहेगा? आप खुद सोचिये गुस्से में आकर जॉब छोड़ देना कभी मुनासिफ नहीं रहता है. हाल ही में एक मॉडल ने बेरोजगारी के चलते अपने जान से खेल गई. आज की तारिख में बेरोजगारी मे कोई किसी को नहीं पूछता. इससे डिप्रेशन अधिकतर आता है और कई खतरनाक बीमारियों को आप बुलावा देते हो. इससे होगा क्या ? आपके पैसे डाक्टर की जेब में जायेगे.
४. कुछ दिन पहले अखबारों में यह पढ़ा था कि एक बच्चे ने अपने एक साथी की जान सिर्फ इस लिए ले ली कि वह अपने हम उम्र दोस्त से उसका स्मार्ट मोबाइल खेलने के लिए पूछ रहा था. लेकिन उस दोस्त ने इसे वह मोबाइल नहीं दिया, तो गुस्से में आकर उसने अपने दोस्त की जान ले ली. बच्चों को छोटी उम्र में सही संस्कार ना मिलने के यह दुष परिणाम होते है.
बच्चो से लेकर बुजुर्गों तक गुस्से का परिणाम देखने को मिलता है. कोई अपने बीवी पर शक करते हुए उसे आग के हवाले करता है, तो कही प्रेम करने पर समुदाय के लोग रेप जैसा घिनौना काम करते है. उदाहरण जितना दो उतना ही कम है.
मगर गुस्से से बचना बेहद जरुरी है
जिस वक़्त आप गुस्से को अपने नियंत्रण में करना सीख जायेगे उस वक़्त आप आधी दुनिया जीत लेगे.
आप के सारे काम सरल हो जायेंगे. किसी को आपसे शिकायत नहीं रहेगी.
पहले से भी अधिक आपका काम प्रगतिशील रहेगा.
कोई भी आपको भड़काने की कोशिश नहीं कर पायेगा. आप मीठी बोली से औरों के साथ काम करना और काम करवाना दोनों में ही महारत हासिल कर लेगे.
बड़ी से बड़ी बात का हल केवल शांत दिमाग से ही आ सकता है.
चाहे किसी फ्लर्टिंग करने वाले लड़के को जवाब देना हो, या फिर व्यावसाय, राजनीति में कोई निर्णय लेना हो.
सुखी जीवन का अधिक विकास केवल गुस्से को नियंत्रित करके ही हो सकता है.
गुस्से को कैसे करे वश में?
१ जिस वक़्त आपको गुस्सा आए, तुरंत जो भी क्रिया आप कर रहे हो वो रोक दे. इससे काम ख़राब नहीं होगा.
२. लम्बी सांसे लेते हुए आंकड़ों की गिनती करे. इससे आपके भड़के हुए विचार शांत हो जायेंगे.
३. हो सके तो एक ग्लास पानी ही पी ले, आप बेहद अच्छा महसूस करेंगे.
केवल इन्ही कुछ नुसको को आप अपना कर देखे.
आपको पता चलेगा जो आप गुस्से में करने वाले थे वो कितना नुकसान दायक था.
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