अगर भारत विभाजित ना हुआ होता, तो?
‘भारत पाकिस्तान’, ठेठ ‘पडोसी’ किस तरह के होते हैं यह आप भारत और पाकिस्तान को देखकर पता लगा सकते हैं.
67 साल से चले आ रहे इस झगडे में न जाने कितना खर्चा हुआ! पैसों का और मासूम जानों का. घर और ज़मीनें छीन ली गईं, लोगों के सपने तहस-नहस हो गए. सबसे ज़्यादा खौफनाक बात तो यह थी कि कोई किसी पर भरोसा नहीं कर पा रहा था.
मुझे लगता है कि इस सालों से चली आ रही दुश्मनी की कुछ वजहें जाननी ज़रूरी हैं.
वजहें.
1. 1857 के क्रांतिकारी युद्ध में हिंदू-मुसलमान संगठन के बाद अंग्रेजों द्वारा रची गई ‘कूटनीति’.
2. साम्प्रदायिक चुनाव लागू करवाना, जिसने ‘मुस्लिम लीग’ जैसी पार्टियों को सामने ला खडा कर दिया.
3. कांग्रेस का मुस्लिम लीग को उत्तर प्रदेश में समर्थन ना देना. इस वजह से मुस्लिम लीग में डर पैदा हो गया और इसलिए मुस्लिम लीग ने कई फैसले जल्दबाज़ी में ले लिए.
बताने को तो और कई वजहें हैं लेकिन यह कुछ मुख्य वजहों में से एक थीं.
अब बात करते हैं उस चीज़ की जिसे कई लोग जानना ज़रूरी समझते हैं और कई लोग अनदेखा कर देते हैं.
अगर भारत पाकिस्तान विभाजन ना हुआ होता तो क्या होता?
देखिए, इसका जवाब हम दो हिस्सों में दे सकते हैं. पहला हिस्सा होगा जो इसके ‘सकारात्मक’ पहलू को प्रकाशित करेगा और जो दूसरा हिस्सा होगा वह इसके ‘नकारात्मक’ पहलू को प्रकाशित करेगा.
नज़र डालते हैं पहले हिस्से की तरफ.
(A) सकारात्मक पहलू
1. हिंदुस्तान आज दुनिया का सबसे बड़ा देश होता.
2. भारत के लोगों को हिंदुस्तान-पाकिस्तान विभाजन के समय जिन-जिन मुसीबतों से गुज़रना पड़ा था, उन मुसीबतों का अस्तित्व ही ना होता.
3. कारगिल युद्ध और पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए अन्य कई युद्धों में दोनों देशों के जवानों एवं रहवासियों की जो मौतें हुई हैं, वे शायद ना होतीं. आए दिन आतंकियों के हमले का डर काफी हद तक कम हो जाता.
4. बांग्लादेश विभाजन से हुए कष्टों से भी हम बच सकते थे.
5. कश्मीर में आज के समय में जो विवाद हो रहे हैं, उससे हिन्दुस्तान मुक्त हो सकता था.
6. हिंदुत्व और इस्लाम, दोनों सम्प्रदायों में एक दूसरे के प्रति जो बैर था, वह शायद बहुत हद तक कम हो जाता.
अब बात करते हैं दूसरे हिस्से की.
(B) नकारात्मक पहलू.
1. अविभाजित भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश तो होता, लेकिन साथ-साथ दुनिया का सबसे गरीब देश भी होता(7 करोड़ लोगों में फैली भुखमरी).
2. अगर विभाजन ना होता तो पंजाब, सिंध और बलोचिस्तान पूरी तरह मुस्लिम राज्य बन जाते.
3. अविभाजित भारत में हिंदुओं और मुसलामानों के बीच बैर कम तो होता लेकिन कहीं ना कहीं दोनों गुटों में इस बैर की आग आज भी जल रही होती.
भारत एक महान देश था, महान देश है और एक महान देश रहेगा. लेकिन अगर यह अंग्रेजों की ‘कूटनीति’ मात्र से विभाजित ना हुआ होता तो शायद इसकी महानता और भी ज्यादा बढ़ जाती.
अविभाजित भारत इस देश के नागरिकों के लिए लाभदायक साबित होता या हानिकारक, इसका जवाब अब आज की पीढ़ी के युवाओं के विचारों पर निर्भर करता है.
आपको क्या क्या लगता है? लाभदायक या हानिकारक?
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